समाचार सच, हल्द्वानी। शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को 25 एडमिशन दिलाने के निर्देश दिए हैं। प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गयी है, 10 मई तक आवेदन किए जाऐंगे। जांच के बाद 18 मई तक गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही आदेशों का पालन न करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों को कक्षा एक की 25 सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देना आवश्यक है। जिसके लिए शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति भी जारी कर दी है। वहीं अभिभावकों ने बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। लेकिन पिछले 3 सालों से प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों का खर्च सरकार द्वारा इन विद्यालयों को नहीं मिला है। जिसके चलते निजी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने से कतरा रहे हैं।
ज्ञात हो कि प्रदेश में आरटीई के तहत पढ़ने तीन लाख से अधिक बच्चे हैं। जिनकी फीस करीब 3 सालों से स्कूलों को नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक 2015 से 2018 तक सरकार ने आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों को करीब ढाई करोड़ से अधिक रुपए देने हैं। ऐसे में अब निजी विद्यालय नए एडमिशन से कतरा रहे हैं।
वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों को आरटीई के तहत एडमिशन देना अनिवार्य है। क्योंकि मान्यता के दौरान स्कूल द्वारा 25 गरीब बच्चों को पढ़ाने का बॉन्ड दिया जाता है। अगर निजी स्कूल 25 गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देते हैं तो स्कूल की मान्यता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। (साभार: न्यूज 18)
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