अस्थमा के मरीज इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर खुद को बचाते हैं

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सर्दियों में बहुत कम तापमान और बहुत ठंडी हवाएं आम हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों का घर में रहना ही सही है। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं और व्यायाम या योग करने के लिए जिम या पार्क जाते हैं तो आपको बता दें कि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। जहां कुछ लोग सर्दी-जुकाम का शिकार हो जाते हैं वहीं कुछ लोगों को पुरानी चोट के कारण चोट लग जाती है। वहीं अस्थमा के मरीजों के लिए यह सर्दी आफत बन जाती है। सर्दियों में अस्थमा के मरीजों को अटैक का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

सर्दियों में बदलते मौसम और शुष्क हवा के कारण अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है। इस दौरान शुष्क और ठंडी हवा के कारण मांसपेशियों में ऐंठन भी होने लगती है। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी के मौसम में अस्थमा के मरीजों के वायुमार्ग में सूजन आ जाती है, इसलिए उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि सर्दी का मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा नहीं होता है। इस दौरान उन्हें कुछ उपाय करने चाहिए और अस्थमा को नियंत्रण में रखने के लिए अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको अस्थमा (अस्थमा) के प्रकार और सर्दियों में बढ़ रही इसकी समस्या को कम करने के उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं३

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अस्थमा दो तरह का होता है
आपको बता दें कि अस्थमा या अस्थमा 2 तरह का होता है। पहला बाहरी अस्थमा और दूसरा आंतरिक अस्थमा। बाहरी अस्थमा का कारण बाहरी एलर्जी है, जैसे कि पालतू जानवरों की रूसी, धूल के कण और घर में ढालना। वहीं, आंतरिक अस्थमा का कारण हमारे द्वारा लिए गए घातक रासायनिक तत्वों की सांस है। उदाहरण के लिए, धूम्रपान का धुआं, प्रदूषण की हवा और किसी चीज को जलाने का धुआं।

सर्दियों में अस्थमा को कंट्रोल में रखने के लिए अपनाएं ये उपाय-

बार-बार हाथ धोएं
अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। इस तरह कीटाणुओं के फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है। आप चाहें तो हैंड सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने बच्चों और अपने घर के अन्य सदस्यों को भी हाथ धोने के लिए कहें, इससे घर में संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा।

अपना मुँह बंद करो
अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो आपके लिए अच्छा होगा कि आप मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाएं। मुंह बंद रखना फेफड़ों के लिए अच्छा होता है। हमारी नाक में इतनी क्षमता होती है कि हम फेफड़ों में सांस लेने वाली हवा को गर्म कर सकते हैं।

आग की जगह पर बैठने से बचें
आग के पास बैठना भले ही सर्दी में गर्मी देता हो, लेकिन यह अस्थमा के मरीजों के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। शोध में पाया गया है कि दमा के मरीजों के लिए तंबाकू और लकड़ी जलाना एक समान है। आग से निकलने वाला धुआं फेफड़ों की समस्या पैदा कर सकता है। यह अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है।

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घर पर व्यायाम करें
सर्दियों में बहुत कम तापमान और बहुत ठंडी हवाएं आम हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों का घर में रहना ही सही है। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं और व्यायाम या योग करने के लिए जिम या पार्क जाते हैं तो आपको बता दें कि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए सर्दियों में घर पर ही एक्सरसाइज करें।

अस्थमा के घरेलू उपाय
-अपने आहार में अदरक, लहसुन, काली मिर्च और हल्दी को शामिल करें, ये सर्दियों में अस्थमा से लड़ने में मदद करते हैं।

  • आपको पुराने चावल, कुलठी दाल, गेहूं, जौ, मूंग और पटोल का सेवन करना चाहिए।
  • जितना हो सके गर्म पानी पिएं, यह सर्दियों में आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
  • अस्थमा के मरीजों को शहद का सेवन करना चाहिए।

इन बातों का रखें ख्याल

  • बाहर का खाना न खाएं।
  • धूम्रपान वाली जगह पर खड़े न हों।
  • घर से बाहर निकलते समय मास्क या स्कार्फ पहनें।
  • सर्दियों में भीड़भाड़ वाली और प्रदूषित जगहों पर जाने से बचें।
  • सर्दियों में संतरा, चुकंदर, नींबू, पालक और दाल का अधिक सेवन करें।
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