समाचार सच, नैनीताल। वनभूलपुरा गोलीकांड में मारे गए फईम की मौत के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए मामले की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दिए हैं। यही नहीं, अदालत ने जांच अधिकारी नीरज भाकुनी को जिले से बाहर ट्रांसफर करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की बेंच ने कहा कि कोर्ट इस जांच की खुद मॉनिटरिंग करेगी। कोर्ट ने इससे पहले भी पुलिस जांच को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह कैसी अनोखी जांच है, जिसमें अधिकारी खुद जांच कर रहा है और रिपोर्ट भी खुद ही पेश कर रहा है, जबकि मामला हत्या जैसा गंभीर है।
क्या है पूरा मामला?
मृतक फईम के भाई परवेज ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि 8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा हिंसा के दौरान फईम की मौत गोली लगने से हुई थी। लेकिन परिजनों की तमाम शिकायतों के बावजूद पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही जांच शुरू की। मजबूर होकर उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए।
लेकिन 6 मई 2024 को मिले आदेश के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो परवेज ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई कि मामले की सीबीआई जांच कराई जाए और परिवार को सुरक्षा दी जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि फईम की मौत भीड़ की हिंसा में नहीं, बल्कि अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारने से हुई थी, इसलिए निष्पक्ष जांच जरूरी है।



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