Hanuman chalisa

हनुमान चालीसा का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है और ना ही संकट दूर हो रहे तो आइए जानते कहां भूल हो रही है

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। कुछ लोगों यह समस्या आती होगी कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है और न ही संकट दूर हो रहे हैं तो जरूर आप कुछ न कुछ ऐसी भूल कर रहे हैं जिससे हनुमानजी का आपकी ओर ध्यान नहीं जा रहा है या उनकी कृपा आप पर नहीं हो रही है। आओ जानते हैं कि आखिर क्या कारण हो सकते हैं इसके।

आह्वान – हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले कई लोग उनका और श्रीरामजी का आह्वान करके पाठ नहीं करते हैं।

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समय – हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए समय निर्धारित करना चाहिए। कई लोग जब उनका मन करता है तब उसका पाठ करते हैं और जब मन करता है तब नहीं। यह गलती कई लोग करते हैं।

स्थान – हनुमान चालीसा एक पवित्र जगह पर बैठकर ही करना चाहिए। खासकर या तो आपके घर के पूजास्थल पर, मंदिर में, तीर्थ क्षेत्र में या पहले से नियुक्त साफ सफाई करके पवित्र की गई जगह पर। हर कहीं या सड़क पर इसका पाठ नहीं होता।

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भक्त बनें – कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ तब करते हैं जबकि उनके उपर कोई संकट आता है। कहते हैं कि दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करें तो दुरूख काहे को होऊ। दूसरा यह कि हनुमानजी पर भरोसा रखना जरूरी है। और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई। कई लोग धैर्य नहीं रखते हैं और दूसरे देवता का पाठ करने लग जाते हैं।

दोहे – कई लोग पाठ तो करते हैं लेकिन उसके दोहे नहीं पढ़ते हैं जो हनुमान चालीसा का ही अंग है।

अर्पण – हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले उनके चित्र या मूर्ति को पवित्र जल से पवित्र करके उन्हें तुलसी की माला या जनेऊ पहनाकर भक्ति भाव से उनकी पसंद का भोग अर्पण करके कई लोग हनुमान चालीसा नहीं पढ़ते हैं।

मध्यम स्वर – कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ ऊंचे स्वर में अशुद्ध उच्चारण के साथ करते हैं या एकदम नीचे स्वर में इसका पाठ करते हैं। यह गलती सभी करते हैं।

चालीसा दिन तक पाठ – 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। सौ बार नहीं कर सको तो 11 बार करो। 11 बार न हो तो 9 बार करो। 9 बार नहीं कर सको तो 7 बार करो। 7 बार न कर सको तो 5 बार करो और 5 बार न कर सको तो 3 बार करो और 3 बार भी नहीं कर सकते हो तो 1 बार प्रतिदिन करो चालीसा और कम से कम 40 दिन तक करने के बाद उन्हें लंगोट जरूर भेंट करें।

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पवित्रता – हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य, पवित्रता, शुद्धता, साफ सफाई का ध्यान कई लोग नहीं रखते हैं। महिलाएं यदि हनुमान चालीसा का पाठ कर रही हैं तो उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे उन्हें टच न करें। कई लोग यह गलती करते हैं।

खुद के नाम का उच्चारण – यह भी मान्यता है कि जहां पर लिखा है कि ‘तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।’ यहां तुलसीदास की जगह आपको आपके नाम का उच्चारण करना चाहिए। कई लोग यह गलती करते हैं इसीलिए उन्हें लाभ प्राप्त नहीं होता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आपको हनुमान जी की कृपा जरूर प्राप्त होती है।

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