समाचार सच, हल्द्वानी। नैनीताल जिले के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर बाघ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में एक व्यक्ति का शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान बरेली निवासी और भारतीय डाक विभाग में कार्यरत 37 वर्षीय भानु प्रताप के रूप में हुई है। मौके पर पहुंची जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में विषाक्त पदार्थ सेवन की आशंका जताई गई है, हालांकि मौत के सही कारणों की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।


काठगोदाम जीआरपी थानाध्यक्ष नरेश कोहली के अनुसार, बुधवार 28 मई को बाघ एक्सप्रेस के काठगोदाम पहुंचने में देरी हुई थी। ट्रेन की रूटीन चेकिंग के दौरान दिव्यांग कोच में एक व्यक्ति बेसुध अवस्था में मिला। तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। तलाशी के दौरान मृतक की जेब से आधार कार्ड, मोबाइल फोन और एक संदिग्ध पदार्थ बरामद हुआ।
मृतक के परिजनों के अनुसार, भानु प्रताप बरेली पोस्ट ऑफिस में कार्यरत थे और पिछले पांच वर्षों से एक सड़क दुर्घटना के बाद शारीरिक रूप से दिव्यांग हो गए थे। एक पैर काटना पड़ा था, जिससे वह लंबे समय से मानसिक तनाव में चल रहे थे। पिछले एक महीने से वे काम पर भी नहीं जा रहे थे। परिजनों ने बताया कि वे अक्सर ट्रेन में बैठकर बिना किसी गंतव्य के निकल जाया करते थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि भानु प्रताप का शव बरेली से काठगोदाम तक करीब 108 किलोमीटर की यात्रा करता रहा, लेकिन इस दौरान किसी यात्री या रेलवे स्टाफ की नजर उस पर नहीं पड़ी। इससे ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
फिलहाल जीआरपी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। विषाक्त पदार्थ के सेवन की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही की जा सकेगी।





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