समाचार सच, लखनऊ/हल्द्वानी। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री स्व.पं.नारायण दत्त तिवारी के छोटे भाई बनारस विश्व विद्यालय के पूर्व प्रोफेसर रमेश तिवारी का निधन हो गया। आज शनिवार को दोपहर को लखनऊ के संजय गांधी पी.जी.आई. अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लगभग 94 वर्ष की थे। परिजनों के अनुसार प्रो0 रमेश तिवारी दो तीन माह से काफी अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन के समय उनके पुत्र मनीशी तिवारी, पत्नी श्रीमती उमा तिवारी, चचेरे भाई दुर्गादत्त तिवारी और भतीजे भुवन चन्द्र तिवारी आदि परिजन मौजूद थे।
उनके निधन का शोक समाचार मिलते ही उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड के उनके सभी शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गई। और अधिकतर लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास महानगर-लखनऊ के लिए रवाना हो गए। इधर उनके निधन पर कांग्रेस सेवादल संगठन, समस्त कांग्रेस जनों, बिशेकर गांधीवादी विचारक समाज सेवियों, बुद्धिजीवियों सहित तमाम लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे स्वस्थ समाज के लिए बड़ी क्षति बताया।
प्रो0 रमेश तिवारी स्वतंत्रता सेनानी व काशी विद्यापीठ में समाजशास्त्र के प्रोफेसर थे। उनका जन्म पदमपुरी के छोटे से गाँव में हुआ था। उनकी प्राम्भिक शिक्षा पदमपुरी से हुई है। उच्च शिक्षा हेतु उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया व समाजशास्त्र से पीएचडी की। वे बेहद शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और शायद ही कोई जानता हो कि वे एनडी तिवारी के छोटे भाई थे।
बौध धर्म के संरक्षण में स्व0 तिवारी द्वारा भारत तिब्बित मैत्री संघ की स्थापना की व निर्रंतर अभी तक संरक्षण कार्य कर रहे थे। समाजसेवा करने के उदेश्य से स्व. तिवारी द्वारा समग्र विकास संस्थान की स्थापना की जिसके द्वारा पोलिशीट में शहरी स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई। साथ ही 1990 में जवाहर लाल राष्ट्रीय युवा केन्द्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
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