समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधामों के कपाट नवंबर में शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने शीतकालीन चारधाम यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं को शीतकालीन प्रवास स्थलों के दर्शन के लिए प्रेरित करना है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करना है।
मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून स्थित अपने सरकारी आवास पर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर इस यात्रा की रूपरेखा पर चर्चा की। उन्होंने यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के गेस्ट हाउस में ठहरने पर 10ः छूट देने का निर्देश दिया।
शीतकालीन प्रवास स्थलों की जानकारी
केदारनाथः भगवान केदारनाथ का शीतकालीन निवास ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होता है।
बदरीनाथः भगवान बदरी और उद्धव जी की पूजा पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ में होती है।
यमुनोत्रीः मां यमुना सर्दियों के दौरान खरसाली गांव में प्रवास करती हैं।
गंगोत्रीः मां गंगा मुखबा गांव में स्थित भागीरथी नदी के तट पर विराजमान रहती हैं।
शीतकालीन यात्रा के लाभः
श्रद्धालुओं को चारधाम के करीब जाकर दर्शन करने का विशेष अनुभव मिलेगा।
स्थानीय व्यापारियों और गाइडों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में सशक्त उत्तराखंड योजना की समीक्षा करते हुए विकास योजनाओं को समय पर लागू करने के निर्देश दिए। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक नई नियमावली तैयार करने और ड्रग्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर भी जोर दिया। उन्होंने राज्य में बाहरी लोगों के सत्यापन अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440