आज भी जिंदा हैं बाबा की शिक्षाएं सेवा से मिलता है सच्चा सुख

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 20वीं सदी के महान संत और भगवान हनुमान के परम भक्त माने जाने वाले नीम करोली बाबा न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में आध्यात्मिक श्रद्धा का केंद्र हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले स्थित कैंची धाम उनका प्रमुख आश्रम है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं। आज बाबा हमारे बीच भले ही शारीरिक रूप से न हों, लेकिन उनकी शिक्षाएं और विचार समाज को आज भी दिशा दे रहे हैं।

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सेवा से मिलता है सच्चा सुख
नीम करोली बाबा का जीवन हमें यह सिखाता है कि दिखावे से परे, एक साधारण और निष्कलंक जीवन जीने में ही असली संतोष है। उनका मानना था कि जब तक हम दूसरों की मदद करने को तैयार नहीं होते, तब तक ईश्वर की सच्ची भक्ति संभव नहीं है। बाबा हमेशा लोगों को दया, सेवा और निःस्वार्थ प्रेम का मार्ग अपनाने की सलाह देते थे।

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धन को अच्छी जगह पर लगाएं
बाबा नीम करोली का कहना था कि पैसा जरूरी है, लेकिन उसका सही उपयोग और ईश्वर के प्रति आस्था ज्यादा महत्वपूर्ण है। वे मानते थे कि जरूरत से ज्यादा धन को अच्छे कार्यों में लगाना चाहिए। जैसे किसी भूखे को भोजन कराना, शिक्षा में मदद देना या धार्मिक सेवा में लगाना। ऐसा करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है, बल्कि ईश्वर का आशीर्वाद भी बना रहता है।

नारी सम्मान
नीम करोली बाबा ने हमेशा महिलाओं के प्रति सम्मान और शुद्ध दृष्टिकोण की शिक्षा दी। उनका कहना था कि हर महिला में मां या बहन का रूप देखना चाहिए। जो व्यक्ति अपने चरित्र को उच्च बनाए रखता है, उसे जीवन में कभी धन या अवसरों की कमी नहीं होती। वे मानते थे कि अच्छा आचरण ही घर-परिवार में स्थायी सुख और समृद्धि का आधार बनता है।

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ईश्वर में विश्वास और कर्म का संतुलन
नीम करोली बाबा के अनुसार, केवल पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि अच्छे कर्म भी आध्यात्मिक उन्नति के लिए ज़रूरी हैं। वे कहते थेकृ“भगवान हर समय तुम्हारे साथ हैं, लेकिन तुम्हें भी उनके योग्य बनना होगा।” इसीलिए वे श्रद्धालुओं को सच्ची निष्ठा के साथ सेवा और विनम्रता का अभ्यास करने की प्रेरणा देते थे।

आज भी जिंदा हैं बाबा की शिक्षाएं
हालांकि बाबा का महाप्रयाण 1973 में हो गया था, लेकिन उनके विचार आज भी जीवंत हैं। न केवल भारत में, बल्कि टेक दिग्गज स्टीव जॉब्स, मार्क ज़ुकरबर्ग जैसे वैश्विक नामों ने भी उनके आश्रम का दौरा कर उनके विचारों से प्रेरणा ली है।

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