समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। झाझरा स्थित दून संस्कृति स्कूल ने श्रीमद्भागवत गीता को अपने नियमित पाठ्यक्रम में शामिल कर दिया है। इसके साथ ही यह प्रदेश का पहला जनजातीय विद्यालय बन गया है जहाँ गणित, हिंदी और अंग्रेजी के साथ गीता का अध्ययन भी अनिवार्य रूप से कराया जाएगा।
पौंधा गुरुकुल के आचार्य अंकित आर्य को इस विषय के विशेष शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। पूर्व सांसद तरुण विजय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गीता भेंट करने की प्रेरणा से स्कूल द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
कक्षा 4 से 10 तक के छात्रों के लिए गीता को अब दैनिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। तरुण विजय ने इस पहल को पूरे देश में विस्तार देने और सभी विद्यालयों में नियमित रूप से गीता पढ़ाने की अपील भी की। इस अभियान में आर्य समाज मंदिर धामावाला के प्रधान सुधीर गुलाटी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
विद्यालय में प्रतिदिन गीता का लेक्चर आयोजित किया जाएगा। शनिवार से इसकी औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। झाझरा स्कूल में नागालैंड, मणिपुर और उत्तर-पूर्व के अन्य राज्यों के छात्र-छात्राएँ भी शिक्षा ग्रहण करते हैं, और अब वे भी गीता को अपने पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ सकेंगे।

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