मनसा देवी हादसे में मृतकों के परिजनों को मिलेगा 9 लाख तक मुआवजा, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने की बड़ी घोषणा

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समाचार सच, हरिद्वार। मनसा देवी मंदिर हादसे के बाद पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए मनसा देवी ट्रस्ट, उत्तराखंड सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने संयुक्त रूप से मुआवजे की घोषणाएं की हैं। इसके साथ ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने भी घायलों और मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। हादसे में 6 श्रद्धालुओं की मौत और 29 घायल हुए थे। मृतकों में से चार श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के थे।

किसे मिलेगा कितना मुआवजा?
-मनसा देवी ट्रस्टः
-मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए
-घायलों को 1 लाख रुपए

उत्तराखंड सरकारः
-मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए
-घायलों को 50 हजार रुपए

उत्तर प्रदेश सरकार (अपने राज्य के श्रद्धालुओं के लिए):
-मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए
-घायलों को 50 हजार रुपए

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इस तरह उत्तराखंड के मृत श्रद्धालुओं के परिजनों को कुल 7 लाख और घायलों को 1.5 लाख मिलेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश के मृतकों के परिजनों को 9 लाख और घायलों को 2 लाख की आर्थिक सहायता मिलेगी।

रविंद्र पुरी बोले – मंदिर मार्ग पर हुई घटना, लेकिन हम नहीं हटेंगे पीछे
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने स्पष्ट किया कि हादसा मंदिर परिसर के बाहर सीढ़ियों पर हुआ था, फिर भी ट्रस्ट की ओर से हरसंभव सहायता की जा रही है। उन्होंने बताया कि मंदिर को हादसे के बाद दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है और व्यवस्थाएं अब सामान्य हो चुकी हैं।

पुरी ने बताया कि हरिद्वार के एसएसपी और डीएम से इस मामले को लेकर बातचीत हुई है और जो भी तथ्य जांच में सामने आएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए आवश्यक सुधार भी किए जाएंगे।

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कैसे हुआ हादसा?
रविवार को वीकेंड के चलते मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। मंदिर के पैदल मार्ग की सीढ़ियों पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिर गए। इस अफरातफरी में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 29 लोग घायल हुए।

घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल और ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है। घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद एम्स और जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वाेपरि है, व्यवस्थाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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