महाशिवरात्रि 2025: घर में शिवलिंग स्थापना के शुभ समय और पूजन विधि

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। बुधवार, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है। शिवपुराण के मुताबिक, ब्रह्मा और विष्णु का विवाद शांत करवाने के लिए शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिस दिन ये घटना हुई थी, उस दिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि थी, इसी वजह से महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस पर्व पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है, व्रत किया जाता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, जो लोग शिव मंदिर में पूजा नहीं कर पाते हैं, वे घर में शिवलिंग स्थापित करके पूजा कर सकते हैं। घर में शिवलिंग स्थापना के लिए महाशिवरात्रि बहुत शुभ दिन है। घर में शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं, लेकिन शिवलिंग के आकार और धातु के संबंध में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानिए ये बातें कौन-कौन सी हैं…

सबसे पहले जानिए घर के लिए शिवलिंग कितना बड़ा होना चाहिए?
अगर घर में शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं तो शिवलिंग का आकार ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। बड़े शिवलिंग मंदिरों के लिए ही शुभ होते हैं। घर के लिए तो छोटा सा शिवलिंग शुभ रहता है।
शिव पुराण में बताया गया है कि घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। शिवलिंग के साथ ही गणेश जी, देवी पार्वती, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की छोटी सी प्रतिमा भी रखनी चाहिए।
अब बात करते हैं शिवलिंग की धातु की…

  • शिवलिंग सोना, चांदी, पीतल का या मिट्टी-पत्थर का शुभ रहता है। एल्युमीनियम, स्टील या लोहे के शिवलिंग की पूजा करने से बचना चाहिए।
  • पूजा-पाठ के लिए ये धातु शुभ नहीं मानी जाती हैं। इन धातुओं के अलावा स्फटिक और पारद के शिवलिंग भी घर में स्थापित कर सकते हैं।
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अगर घर में रखा शिवलिंग खंडित हो गया है तो क्या करना चाहिए?

  • शिवलिंग को शिव जी का निराकार स्वरूप माना जाता है, निराकार यानी शिवलिंग का कोई विशेष आकार नहीं होता है। अगर शिवलिंग खंडित भी हो जाता है, तब भी वह पूजनीय होता है। ध्यान रखें अगर शिव जी की प्रतिमा खंडित हो जाए तो उसे मंदिर से हटा देना चाहिए। खंडित प्रतिमा की पूजा करने से बचना चाहिए, लेकिन खंडित शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं।
  • शिव परिवार की पूजा एक साथ करने से पूजा का फल जल्दी मिल सकता है।
  • घर के मंदिर के आसपास साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए। पूजा करें। बिल्व पत्र चढ़ाएं। भगवान को भोग रोज लगाएं।
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सूर्य, बुध और शनि के योग में मनेगी महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। इन तीनों ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का योग 2025 से पहले 1965 में बना था। ग्रहों के दुर्लभ योग में शिव पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं, ऐसी मान्यता है।

इस साल शिवरात्रि पर शिव जी के साथ ही सूर्य, बुध और शनि ग्रह की भी विशेष पूजा करने का शुभ योग है। इस योग में की गई पूजा-पाठ से कुंडली से जुड़े ग्रह दोष भी शांत हो सकते हैं। इस दिन शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन-पूजन करने का विशेष महत्व है। जो लोग किसी ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, वे शिव जी के किसी अन्य पौराणिक मंदिर में पूजा-पाठ कर सकते हैं। अगर मंदिर जाना भी संभव न हो तो घर पर ही शिव पूजा की जा सकती है।

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