मार्गशीर्ष पूर्णिमा याने लक्ष्मी नारायण को कैसे करें प्रसन्न

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। मार्गशीर्ष पूर्णिमा यानी साल की आखिरी पूर्णिमा। इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 14 दिसंबर को शुरू हो रही है। 14 तारीख को पूर्णिमा तिथि शाम को 4.58 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 15 तारीख को 2.31 मिनट तक रहेगी। इस दिन दत्तात्रेय जयंती भी है। उदया तिथि से पूर्णिमा 15 तारीख को है, लेकिन व्रत रखने वालों के लिए पूर्णिमा 14 तारीख को है, क्योंकि इसी दिन पूर्णिमा का चांद दिखेगा। 15 को स्नान और दान की पूर्णिमा है। आपको बता दें कि अगहन मास की पूर्णिमा पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके दान करने की परंपरा है। अगर किसी कारणवश आप नदियों में स्नान न कर सकें तो आप घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इस पूर्णिमा के बाद से पौष मास शुरू हो जाएगा। पूर्णिमा के दिन शाम को समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। इसलिए यह पर्व चंद्र देव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित है।

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पूर्णिमा तिथि शुरू – शाम 4.58 बजे 14 दिसंबर 2024
पूर्णिमा तिथि खत्म – दोपहर 02.31 बजे 15 दिसंबर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा उपाय

  • पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाना चाहिए,उससे पहले जल में दूध और गुलाब डालकर पीपल पर अर्पित करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे धन की देवी प्रसन्न होती हैं।
  • पूर्णिमा तिथि के दिन शाम के समय घर के बाहर घी का दीपक जलाकर रखें। ऐसा करने से धन लक्ष्मी प्रसन्न होती गैं।
  • पूर्णिमा तिथि के दिन घर में केले के पत्ते का मंडप सजाकर स्नान के बाद सत्यनारायण भगवान की कथा करनी चाहिए। भगवान को पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाना चाहिए। मां लक्ष्मी को चुनरी चढ़ानी चाहिए, इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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