पीरियड्स होने से पहले मूड स्विंग या इमोशनल बदलाव होता है तो इन उपायों की मदद से आराम मिलेगा

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है जिससे हर लड़की को एक न एक दिन गुजारना पड़ता है। यह काफी कठिन दिन होता है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स आने से पहले महिलाओं में कई सारे संकेत दिखाई देते हैं। कुछ लोग में ये लक्षण नहीं भी दिखाई देते हैं। कुछ महिलाओं में इमोशनल और शारीरिक बदलाव नजर आते हैं। इन्हें हम प्रीमेंस्ट्रूल सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। अगर आपको भी पीरियड्स होने से पहले मूड स्विंग या इमोशनल बदलाव होता है तो इन उपायों की मदद से आपको फायदा पहुंच सकता है।

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पीएमएस क्या है ?
पीएमएस मतलब प्रीमेंस्ट्रूल सिंड्रोम. बहुत सारी महिलाएं हैं जिनको पीरियड शुरू होने से पहले कुछ लक्षण महसूस होते हैं। जैसे चिड़चिड़ापन, ब्रेस्ट में दर्द, सूजन जैसी समस्या होती है. यह दिनचर्या को भी बुरी तरह से प्रभावित करती है. कुछ महिलाओं का तो काम में मन ही नहीं लगता. ये लक्षण आमतौर से पीरियड के कुछ दिन पहले शुरू होते हैं और पीरियड शुरू होने के बाद ठीक हो जाते हैं।

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पीएमएस के लक्षणों को कम करने के लिए क्या करें
पीरियड से पहले होने वाले मूड स्विंग का कारण शरीर में होने वाला हार्माेनल बदलाव होता है। इसे मैनेज करने के लिए आपको अपने डाइट में बदलाव करना चाहिए। ऐसे वक्त में आपको खाने में फोलिक एसिड, विटामिन बी और आयरन से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए। थकान दूर करने के लिए आपको फलों का सेवन बढ़ाना चाहिए। हरे पत्तेदार सब्जियां, दाल फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।

  • पीएमएस के लक्षणों को कम करने के लिए आप हल्दी वाली चाय भी पी सकती हैं। क्योंकि इसमें मौजूद करक्यूमिन में दर्द को कम करने में मददगार होते हैं। साथ ही मूड में भी सुधार करते हैं।
  • पीएमएस के लक्षणों को दूर करने के लिए आप मेडिटेशनऔर व्यायाम का भी सहारा ले सकती हैं। आप एरोबिक एक्सरसाइज, साइकलिंग, स्विमिंग, जॉगिंग कर सकती हैं। इससे सेरोटोनिन और डोपामाइन रिलीज होता है। ये हैप्पी हार्माेन है। इससे मूड बेहतर होता है।
  • मूड स्विंग होने के पीछे कई शारीरिक समस्याएं भी होती है। जैसे हर वक्त थकान रहना, मांसपेशियों में दर्द रहना। इससे भी बार-बार चिड़चिड़ापन और गुस्सा आता है। ऐसे में आपको कैल्शियम और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। इससे भी मूड स्विंग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  • इस दौरान स्ट्रेस बिल्कुल भी ना लें। तनाव को कम करने के लिए आराम करें। ध्यान, योग अभ्यास करें। इससे आपको इमोशनल संतुलन को सुधारने में मदद मिलती है।
  • बहुत ज्यादा नमक वाले प्रोसेस्ड पैक्ड फूड खाने से बचें। नमक के कारण ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। जिससे बॉडी में वाटर रिटेंशन, बॉडी पेन, सूजन की समस्या हो सकती है।

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