Navratri 2023: The Kalratri form of Mata is worshiped on the seventh day of Navratri, these 7 mantras end the great calamity
समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। नवरात्रि की सप्तमी तिथि को माता का कालरात्रि रूप का पूजन किया जाता है। इनका रूप अन्य रूपों से अत्यंत भयानक है, लेकिन माता अत्यंत दयालु-कृपालु हैं। ऐसे लोग जो किसी कृत्या प्रहार से पीड़ित हो एवं उन पर किसी अन्य तंत्र-मंत्र का प्रयोग हुआ हो, वे इनकी साधना कर समस्त कृत्याओं तथा शत्रुओं से निवृत्ति पा सकते हैं।
मंत्र इस प्रकार है-
(1) ऊँ कालरात्र्यै नमः।
(2) ऊँ फट् शत्रून साघय घातय ऊँ
स्वप्न दर्शन के फल शास्त्रों में कई बतलाए गए हैं। यदि कुफल वाला कोई स्वप्न देखें जिसका फल खराब हो, उसे अच्घ्छा बनाने के लिए स्वप्न देखने के बाद प्रातः एक माला जपने से बुरा फल नष्ट होकर अच्घ्छा फल मिलता है।
मंत्र-
(3) ऊँ हृीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।
कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही हो, शत्रु तथा विरोधी कार्य में अड़ंगे डाल रहे हों, उन्हें निम्न मंत्र का जप कर अपने को बाधाओं से मुक्ति दिलाएं।
(4) ऊँ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।
एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ऊँ।।
होम द्रव्य, सरसों, कालीमिर्च, दालचीनी इत्यादि।
भगवती की कृपा, दर्शन तथा वैभव प्राप्ति के लिए जपें- मंत्र
(5) ऊँ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।
संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ऊँ।
घृत, गुग्गल, जायफलादि की आहुति दें।
(6) ऊँ ऐं यश्चमर्त्यः स्तवैरेभिः त्वां स्तोष्यत्यमलानने
तस्य वित्तीर्द्धविभवैः धनदारादि समप्दाम् ऐं ऊँ।
पंचमेवा, खीर, पुष्प, फल आदि की आहुति दें। जितने भी मंत्र दिए गए हैं, वे सभी शास्त्रीय तथा कई श्री दुर्गासप्तशती से उद्घृत हैं।
जप का दशांश हवन, का दशांश तर्पण, का दशांश मार्जन, का दशांश ब्राह्मण भोजन तथा कन्या पूजन तथा भोजन कराने से मंत्र सिद्धि होती है।
माता कालरात्रि का उपासना मंत्र
(7) एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।
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