नवरात्रि के अष्टमी व नवमी के दिन सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने से आपकी समस्त बाधाएं दूर होती है

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Reciting Siddha Kunjika Stotra on Ashtami and Navami days of Navratri removes all your obstacles.

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। नवरात्रि का पर्व अब दो दिनों बाद खत्म होने वाला है। आज नवरात्रि का सातवां दिन है। आज के दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पावन अवसर पर लोग श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, लेकिन आज हम ऐसा पाठ बताने जा रहे हैं, जिसको मात्र करने से आपकी सारी परेशानियां खत्म हो सकती है। शास्त्रों के अनुसार, अगर इस पाठ को कर लेते हैं तो आपको किसी पाठ को करने की आवश्यकता नहीं होगी। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् नामक पाठ करने से आपको समस्त बाधाओं को शांत करने, शत्रु नाश, विद्या, ऋण मुक्ति, करियर, शारीरिक और मानसिक सुख की प्राप्ति करने के लिए किया जाता है। तो आइए जानते हैं इस पाठ के बारे में संपूर्ण जानकारी।

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सिद्ध कुंजिका स्त्रोत की क्या है महिमा

भगवान शिव कहते हैं कि सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने से जातक को देवी माता की कृपा पा लेते हैं। इस इस पाठ को करने के बाद दवी कवच, अर्गला, कीकल, रहस्य, सूक्त, ध्यान, न्यास और यहां तक की अर्चन भी करने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसा कहा जाता है कि सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने से ही दुर्गा पाठ का फल का प्राप्ती हो जाता है।

कुंजिका स्त्रोत क्या है सिद्ध

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सिद्ध कुंजिका के पाठ मात्र करने से मारण, मोहन, वशीकरण, स्तम्भन और उच्चाटन आदि उद्देश्यों की एक साथ पूर्ति हो जाती है। इसके साथ ही इस पाठ में स्वर और व्यंजन की ध्वनि है। इस पाठ में योग और प्राणायाम दोनों शामिल है। ऐसा कहा जाता है कि इस पाठ को करने के लिए अत्यंत सावधानी पूर्वक किया जाता है।

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सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ का संपूर्ण मंत्र

सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ का संपूर्ण मंत्र ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। घ् ग्लौं हुं क्लीं जूं सरू ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा। है। इस मंत्र को जाप करने से आपके जीवन की सारी समस्याएं खत्म हो जाती है।

कैसे करें सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ

ज्योतिषियों के बताए गए अनुसार, सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ अत्यंत सावधानी पूर्वक किया जाता है। इस पाठ को प्रतिदिन पूजा में शामिल कर सकते हैं।

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