समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि के त्योहार को बहुत ही खास माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के 9 रूपों की पूजा करने का विधान है। वैसे तो नवरात्रि में देवी की पूजा में कई चीजों को शामिल किया जाता है। लेकिन, पूजा में शामिल नारियल और सुपारी का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि की पूजा में नारियल और सुपारी शामिल करने से मां दुर्गा का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। इसके अलावा इससे परिवार में खुशहाली बनी रहती है। आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर नवरात्रि की पूजा में नारियल और सुपारी का इस्तेमाल क्यों होता है और इसका महत्व क्या है….
नवरात्रि की पूजा में नारियल और सुपारी का क्यों होता है इस्तेमाल
बता दें कि नवरात्रि की पूजा के समय कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता है और उन सभी चीजों का अपना-अपना महत्व है। नवरात्रि की पूजा में इस्तेमाल होने वाली सुपारी को गणेश जी का प्रतीक माना जाता है और नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर नवरात्रि की पूजा में इन दोनों चीजों का इस्तेमाल किया जाए तो पूजा बिना किसी बाधा के सम्पन्न होती है और मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सुपारी का महत्व
नवरात्रि की पूजा समाप्त होने के बाद अगर आप पूजा की सुपारी को अपने पास रखते हैं तो इससे कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। कि ऐसा करने से धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता. बता दें कि नवरात्रि की पूजा में सुपारी पर जनेऊ लपेटकर इसका इस्तेमाल करना चाहिए। धन के स्थान पर इस सुपारी को रखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
नारियल का महत्व
मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पूजा के दौरान एकाक्षी नारियल का उपयोग करना बहुत-ही शुभ माना जाता है। बता दें कि एकाक्षी नारियल एक छिद्र वाला होता है और इसे श्रीफल भी कहा जाता है। जिस घर में नारियल की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है उस घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है और नवरात्रि में देवी दुर्गा के समक्ष एकाक्षी नारियल रखकर उसकी पूजा करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।





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