समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। वर्ष 2024 में 02 सितंबर, दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। इस दिन भाद्रपद मास की पिठोरी अमावस्या भी मनाई जाएगी। धार्मिक ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि सोमवार के दिन अमावस्या बड़े भाग्य से ही आती है। महाभारत काल में पांडव पूरे जीवन तरसते रहे, परंतु उनके संपूर्ण जीवन में सोमवती अमावस्या नहीं आईं। इस दिन को नदियों, तीर्थों में स्नान, गोदान, अन्न दान, ब्राह्मण भोजन, वस्त्र आदि दान के लिए विशेष माना जाता है। आप भी सोमवती अमावस्या के दिन यह खास उपाय आजमा कर आप अपनी दरिद्रता दूर कर स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति कर सकते हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है, परंतु ऐसा बहुत ही कम होता है, जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। जिस अमावस्या को सोमवार हो, उस दिन इस व्रत का विधान है तथा यह अमावस्या स्नान-दान के लिए शुभ और सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है।
क्या करें उपाय
सोमवार चंद्रमा और भगवान शिव जी का दिन माना जाता है और सोमवती अमावस्या पूर्णरूपेण शिव जी को समर्पित होती है। यदि इस दिन गंगा जी जाना संभव नहीं हो तो प्रात: किसी नदी या सरोवर आदि में स्नान करके भगवान शिव-पार्वती, पितृगण और तुलसी की भक्तिपूर्वक पूजा करना चाहिए। साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी जी की 108 बार परिक्रमा करना चाहिए। घ् कार का विशेष जप करना चाहिए। सूर्य नारायण को अर्घ्य देना चाहिए। यह सब एकसाथ किया जाए तो इसका अति उत्तम फल प्राप्त होता है। यदि आप इतना नहीं कर सकते हैं तो सिर्फ तुलसी जी की 108 बार प्रदक्षिणा करने से ही घर से हर प्रकार की दरिद्रता हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
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