समाचार सच, (संस्कृति/जानकारी)। गुरु को समर्पित यह पंक्ति बहुत ही खूबसूरत है। वास्तव में गुरु का स्थान माता-पिता, भगवान सबसे ऊपर है। हमे जन्म माता-पिता से मिलता है लेकिन हमे जीवन में जीने की शिक्षा, कामयाब बनने की शिक्षा सिर्फ गुरु देता है। शिक्षक सिर्फ वही नहीं होता है जो हमे सिर्फ स्कूल, कॉलेजों में पढ़ाये, शिक्षक वो भी है जो हमे जीवन जीने की कला सिखाता है। ऐसे ही खास गुरु और चेले को समर्पित दिन की बात हम करने जा रहे हैं। प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह की 5 वीं तारीख़ को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ज्मंबीमत’े क्ंल सभी स्कूल-कॉलेजों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हम सब की लाइफ में गुरुओं का अपना एक अलग ही महत्व होता है। एक शिक्षक चाहे तो अपने छात्र का जीवन बना दे और अगर चाहे तो बिगड़ भी सकता है। कामयाबी तक तो हर कोई पहुंचना चाहता है लेकिन कामयाबी की उन सीढ़ियों पर चलना सिर्फ हमारे गुरू ही हमें सिखाते हैं। एक छात्र के लिए और उसके जीवन के लिए गुरू का क्या महत्व है? इस सवाल का जवाब देने के लिए हर शब्द कम पड़ जाएंगे। हम आपको इस आर्टिकल में शिक्षक दिवस, उसका महत्व, उसका अर्थ, शिक्षक दिवस क्यों और कब मनाया जाता है आदि की जानकारी देंगे। शिक्षक दिवस 2020 के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ सकते हैं।
ये तो हम सभी जानते हैं कि हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन सभी छात्र अपने गुरू को तोहफे देते हैं। कई स्कूलों में छात्रों को उस दिन टीचर बनाया जाता है। छात्र और टीचर बड़े ही धूम धाम से इस दिन को मनाते हैं। अपने गुरू को धन्यवाद कहने के लिए शायद इससे अच्छा दिन और कोई हो ही नहीं सकता। अक्सर लोगों के मन में ये सलाब उठता है कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है, शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है, इसी से जुड़े सवालों का जवाब जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते है।
सबसे पहले यह सवाल आता है कि शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? तो हम बता दें कि हमारे देश में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है। इसका जवाब है रू भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को संवारने में अपना योगदान दिया। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुतनी में हुआ था। उनके उप राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मित्रों और कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मानाने की इच्छा व्यक्त की। डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस में रूप में मनाया जाएगा तो उन्हें बहुत गर्व होगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक ही नहीं सभी छात्रों के लिए भी शिक्षक दिवस बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन छात्र अपने शिक्षक और शिक्षिकाओं के सामने अपने विचार और अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस के दिन देश के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया जाता है। शिक्षक दिवस भारत के साथ अन्य देशों में भी मनाया जाता है। सभी देशों में अलग दृ अलग दिन मनाया जाता है शिक्षक दिवस। भारत में शिक्षक 5 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व शिक्षक दिवस दिनांक 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
अलग-अलग देश में टीचर्स डे कब मनाया जाता है ?
-भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
-यूएस में मई के पहले सप्ताह के मंगलवार को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
-थाईलैंड में हर वर्ष 16 जनवरी को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
-ईरान में 2 मई को टीचर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है।
-टर्की में टीचर्स डे सेलिब्रेशन 24 नवंबर को किया जाता है।
-मलेशिया में शिक्षक दिवस को “हरी गुरु” कहा जाता है। वहां 16 मई को यह मनाया जाता है।
-रशिया (रूस) में वर्ष 1965 से 1994 तक अक्टूबर के पहले रविवार को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता था। वर्ष 1994 में यूनेस्को के द्वारा विश्व शिक्षक दिवस घोषित होने के बाद 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
-चाइना (चीन) में 10 सितंबर को टीचर डे मनाया जाता है।
शिक्षक का महत्व
शिक्षक का अर्थ है शिक्षा देने वाला। लेकिन हमारे जीवन में शिक्षक का स्थान माता – पिता से भी ऊपर माना जाता है। माता-पिता हमें जन्म देते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत का अर्थ समझते हैं। हमारे अंदर के अंधकार को शिक्षक ज्ञान के प्रकाश से दूर करते हैं। शिक्षक हमारा मार्ग दर्शन कर के हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षक हमें आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक का स्थान भगवान के सामान होता है। कहा जाता है:
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुर साक्षात परब्रह्मः, तस्मै श्री गुरुवे नमः
इसका अर्थ है: गुरु ब्रम्हा के सामान हैं, गुरु विष्णु के सामान है, गुरु ही महेश्वर यानि शिव के सामान हैं। गुरु सभी देवीं में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को हमारा नमन है।
महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है:
सब धरती कागज करूं,
लिखनी सब बनराय।
सात समुन्दर की मसि करूं,
गुरु गुण लिखा न जाय।
इसका अर्थ है: सब पृथ्वी को कागज, सब जंगल को कलम, सातों समंदर को स्याही बनाकर लिखने पर भी गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते।
भारत में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है
शिक्षक दिवस के दिन स्कूल, कॉलेज और इंस्टीट्यूट में पढ़ाई नहीं होती है। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को फूलों का गुलदस्ता, डायरी आदि कई उपहार देते हैं। कुछ बच्चे अपने प्रिय शिक्षक की नक़ल करते हैं। कई छात्र शिक्षकों के सामने नृत्य – संगीत, नाटक आदि कार्क्रम करते हैं। कई जगह छात्र शिक्षकों से केक भी कटवाते हैं। स्कूल के बच्चे अपनी कक्षा को सजाते हैं। स्कूल और कॉलेज में छात्र टीचर्स डे पर भाषण, अपने गुरु के लिए शायरी, शिक्षक दिवस पर दोहे आदि भी सुनाते हैं और अपने शिक्षकों का दिल से धन्यवाद करते हैं।
साभार: सोशल मीडिया
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