समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा काफी पवित्र माना जाता है। यह केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. हिंदू धर्म में तुलसी के फूलों को भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और अन्य देवी-देवताओं को अर्पित किए जाने की परंपरा रही है। इसमें उगने वाली मंजरी को आयुर्वेद में काफी फायदेमंद माना जाता है. यह छोटे-छोटे फूलों के रूप में होती है।
- धार्मिक आस्थाओं के अनुसार, तुलसी की मंजरी से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बहती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है और अगर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखेंगे तो तुलसी की मंजरी बहुत लाभकारी है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है और सांस की समस्याओं जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी और अस्थमा में राहत देती है। तुलसी के फूलों का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और सर्दियों के मौसम में यह इन्फेक्शन से बचाव करता है।
- हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी की मंजरी पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। यह पेट की गैस, एसीडिटी, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं. तुलसी के फूलों को नियमित रूप से सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और पेट साफ रहता है, जिससे हम हल्के और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
- इसके अलावा, तुलसी की मंजरी मानसिक शांति और तनाव में राहत दिलाने के लिए भी उपयोगी है। यह एक प्राकृतिक एंटी-एंग्जाइटी एजेंट के रूप में काम करती है, जिससे मानसिक थकावट और तनाव दूर होता है। इसके सेवन से दिमाग को शांति मिलती है और दिनभर की थकान दूर हो जाती है। इसके अलावा, तुलसी की मंजरी का उपयोग त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे, त्वचा की जलन और सूजन को दूर करने में भी किया जाता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण त्वचा को स्वस्थ और निखरी हुई बनाए रखते हैं।
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