वे कौन-सी चीजें हैं जिनका दान सूर्यास्त के बाद वर्जित माना गया है

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिन्दू धर्म और वास्तु शास्त्र में दान को अत्यंत पुण्यकारी बताया गया है। लेकिन कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं, जिनका दान यदि सूर्यास्त के बाद किया जाए, तो वह पुण्य की बजाय नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं। मान्यता है कि सूर्य डूबने के बाद कुछ चीजों का दान करने से जीवन में आर्थिक कठिनाइयां, वैभव की कमी और ग्रहों का प्रकोप बढ़ सकता है। आइए जानते हैं, वे कौन-सी चीजें हैं जिनका दान सूर्यास्त के बाद वर्जित माना गया है।

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सुई-धागा
सुई और धागा को शाम के समय किसी को देना या दान करना वर्जित माना जाता है। वास्तु के अनुसार यह सूक्ष्म चीजें नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और इन्हें रात्रि में देने से घर की वित्तीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

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हल्दी
हल्दी को गुरु ग्रह का प्रतीक माना गया है। इसे शुभता, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा जाता है। लेकिन सूर्यास्त के बाद हल्दी का दान करने से गुरु ग्रह कमजोर हो सकता है, जिससे आर्थिक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

नमक
नमक भी उन चीजों में शामिल है जिन्हें सूर्यास्त के बाद नहीं देना चाहिए। इसे जीवन की स्थिरता और संतुलन से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि शाम के समय नमक का दान करने से तरक्की में रुकावटें आती हैं और दरिद्रता का प्रभाव बढ़ता है।

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धन
शाम के समय धन का दान करना मां लक्ष्मी को नाराज कर सकता है। मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद लक्ष्मी का वास घर में होता है और इस समय यदि धन बाहर दिया जाए, तो यह घर से सुख-समृद्धि के चले जाने के समान होता है।

दूध और दही
दूध व दही चंद्रमा और ठंडक के प्रतीक माने जाते हैं। इनका संबंध मानसिक शांति और संतुलन से होता है। शाम के बाद इनका दान करने से घर में वैभव की कमी और मानसिक अशांति उत्पन्न हो सकती है।

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