महाशिवरात्रि 2025: शिवलिंग में चंदन लगाने का क्या महत्व है

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे शुभ दिन है, जब भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग की पूजा करते हैं। इस पावन दिन पर चंदन अर्पण का विशेष महत्व है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, शिवलिंग पर चंदन लगाने से क्या होता है? और महाशिवरात्रि पर चंदन चढ़ाने से भोलेनाथ कैसे प्रसन्न होते हैं? आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं महाशिवरात्रि पर चंदन चढ़ाने का महत्व और विधि

शिवलिंग पर चंदन लगाने का महत्व
हिंदू धर्म में चंदन को शीतलता, पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक माना गया है। यह केवल एक सुगंधित पदार्थ नहीं, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न हिस्सा है। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं। चंदन की शीतलता भगवान शिव को अर्पित करने का तात्पर्य है कि भक्त अपने मन और आत्मा को भी शांत और पवित्र बनाए रखें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंदन चढ़ाने से चंद्र दोष, मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। महाशिवरात्रि पर चंदन चढ़ाने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है और मानसिक शांति मिलती है।

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महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने के फायदे

मन की शांति और शीतलता
चंदन शिवलिंग पर चढ़ाने से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।

पवित्रता और शुद्धि
चंदन की पवित्रता शिवलिंग को शुद्ध करती है और भक्त के मन को पवित्र बनाती है।

भगवान शिव को प्रसन्न करना
भगवान शिव को चंदन की सुगंध अत्यंत प्रिय है। इसे चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

मानसिक शांति और सुख
चंदन की शीतलता मानसिक तनाव और अवसाद को दूर करती है, जिससे व्यक्ति को सुख और शांति की अनुभूति होती है।

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नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
चंदन की सुगंध और पवित्रता नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और घर में सकारात्मकता लाती है।

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने की विधि
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने की विधि अत्यंत सरल है, लेकिन इसमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

स्नान और शुद्धता
सबसे पहले स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें। शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।

शिवलिंग का अभिषेक
पहले जल, फिर दूध, दही, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

चंदन का लेप
अभिषेक के बाद चंदन का लेप शिवलिंग पर लगाएं और ऊँ नमः शिवायश् मंत्र का जाप करें।

बेलपत्र और पुष्प
चंदन चढ़ाने के बाद बेलपत्र और पुष्प अर्पित करें, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं।

दीप और धूप
पूजा के अंत में दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।

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