उत्तराखंड में इन छह जिलों में तेज बारिश का येलो अलर्ट, अगले 4 दिन ऐसा रहेगा मौसम

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समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मॉनसून ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। जुलाई के आखिर और माह की शुरुआत में जिस प्रकार से मॉनसून ने अपना रौद्र रूप दिखाया था, उससे चिंता बढ़ी हुई है। हालांकि, भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को देहरादून सहित उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य में अगले चार दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है।

प्रदेश के अन्य जिलों में भी कई दौर की बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में मौसम लगातार रंग बदल रहा है कभी तेज धूप गर्मी से बेहाल कर रही है तो कभी मूसलाधार बारिश जनजीवन अस्तव्यस्त कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए भी भारी बारिश वाला अलर्ट जारी किया है। देहरादून में रविवार को भी झमाझम बारिश हुई। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

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देहरादून में रविवार को सुबह से निकली चटक धूप के बाद दोपहर में मौसम बदल गया। झमाझम बारिश शुरू हो गई। लगातार हो रही बारिश से सुबह और शाम के समय तापमान में गिरावट आने के कारण हल्की ठंड से होने लगी है। प्रदेश में बारिश के कारण मलबा आने से 94 मार्ग बंद है। इन सभी मार्गों के बंद होने चाहिए स्थानीय लोगों के साथ ही यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार रुद्रप्रयाग में 14, उत्तरकाशी में दो, नैनीताल में दो, बागेश्वर में पांच, देहरादून में एक राज्य और एक जिला समेत 15 ग्रामीण मार्ग मलबा आने के कारण बंद है। वहीं पिथौरागढ़ में एक बॉर्डर और 15 ग्रामीण मार्ग, उधम सिंह नगर राज्य में एक ग्रामीण मार्ग, चमोली में 20, पौड़ी में पांच और टिहरी जिले में 11 ग्रामीण मार्ग मलबा आने की वजह से बंद हैं।

गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर सुरक्षा के कारण यात्रा शुरू नहीं हो पाई है। पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण केदार घाटी में भूस्खलन की आशंका उत्पन्न हो गई है। पत्थर और मलबा गिरने की आशंका बनी हुई है। 31 जुलाई को पैदल मार्ग पर आई आपदा के बाद से पैदल यात्रा बंद है। प्रशासन की आधिकारिक तौर पर शनिवार से पैदल यात्रा शुरू करने की योजना थी, लेकिन शुक्रवार देर रात गौरीकुंड से केदारनाथ तक तेज बारिश होने से पैदल मार्ग संवेदनशील हो गया था। इसके बाद पैदल यात्रा शुरुआत नहीं हो पाई। इस दौरान गौरीकुंड पहुंचे कुछ यात्रियों को सुरक्षा का हवाला देते हुए सोनप्रयाग वापस भेज दिया गया। आपदा प्रभावित रास्तों की मरम्मत का काम पर चल रहा है, लेकिन बारिश के कारण यहां स्थिति काफी समय संवेदनशील हो रखी है। कई जगहों पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा भी बना हुआ है। सेक्टर मजिस्ट्रेट वीरेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से अभी पैदल मार्ग पर आवाजाही नहीं कराई जा रही है।

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