
समाचार सच, हल्द्वानी। महानगर हल्द्वानी की रहने वाली एक युवती से नौकरी दिलाने का झांसा देकर हजारों की रकम ऐंठ ली है। पीड़ित युवती ने पुलिस को तहरीर सौंप कर कार्रवाई की गुहार लगायी है। तहरीर के आधार पर पुलिस जांच में जुट गयी है।
पुलिस को सौंपी तहरीर में संगीता भाकुनी निवासी अंबिका विहार, देवलचौड़ ने कहना है कि उसे 29 अगस्त को एक सख्श का फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को नौकरी एप का सदस्य बताया और नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके ऐवज में उससे अलग-अलग किश्तों में 86205 रूपये की रकम अपने खाते में डलवा ली। लेकिन इसके बाद उसे नौकरी नहीं मिली। इस पर संगीता को ठगे जाने का आभास हुआ और वह पुलिस की शरण में पहुंची।





जानिए कैसे किया जाता है फ्रॉड
ज्यादातर जालसाजों के लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल अपने शिकार को खोजने का सबसे बढ़िया जरिया होते हैं। ये इस तरह से लोगों को फांसते हैं-
- जॉब रिक्रूटमेंट साइट से नौकरी तलाशने वाले की प्रोफाइल निकाली जाती है।
- जो शिकार बन सकते हैं, उन सभी को बल्क में मेल भेजा जाता है।
- फ्रॉड करने वाले खुद को जॉब कंसल्टेंट के तौर पर पेश करते हैं। ये अपनी फर्जी वेबसाइट, अस्थायी दफ्तर दिखाते हैं।
- लोगों से वॉलेट या बैंक ट्रासफर के जरिये रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के लिए कही जाती है।
- ऑनलाइन या टेलीफोन से इंटरव्यू किया जाता है।
- फर्जी एपॉइंटमेंट लेटर भेजे जाते हैं।
किसे बनाया जाता है शिकार?
इस तरह के लोगों पर ठगों की होती है नजर:
-टियर 2 या टियर 3 शहरों के युवा
-कम लोकप्रिय कॉलेज या संस्थानों के ग्रेजुएट
-खराब कम्यूनिकेशन स्किल वाले युवा
-0-5 साल का कार्य अनुभव
-20-25 साल की उम्र
-अंग्रेजी लिखने और बोलने में कच्चे
-कम कुशल
-जिन्होंने जॉब पोर्टल पर अप्लाई किया हो
कैसे शिकार बनाते हैं जालसाज?
लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ये ठग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं।
ई-मेल: नौकरी देने का रैकेट चलाने वालों के लिए संभवतः यह सबसे आसान तरीका है. हसन कहते हैं, खुद को फ्रीलांस जॉब कंसल्टेंट के रूप में पेश कर ये मोन Monster, Naukri, TimesJobs और Shine जैसे तमाम जॉब पोर्टल से लोगों की प्रोफाइल तक पहुंच हासिल कर लेते हैं। इसके बाद ये बल्क में मेल भेजते हैं। अगर ये 5 फीसदी को भी अपना शिकार बनाने में सफल होते हैं तो ठीकठाक पैसा बना लेते हैं। लोगों से सिक्योरिटी डिपॉजिट, इंटरव्यू फीस या अन्य चार्ज के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहा जाता है।
फर्जी वेबसाइट: लोगों को गुमराह करने के लिए ठग नामचीन कंपनियों, जॉब पोर्टल या सरकारी विभागों की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं। टीमलैंस सर्विस में सीनियम वाइस प्रेसिडेंट नीति शर्मा कहती हैं, बेवसाइट बनाने के बाद फिर फरेबी इस पर फर्जी नौकरी पोस्ट करते हैं। टेस्ट लिए जाते हैं। रिजल्ट अपलोड किया जाता है। इसी बीच उनसे तरह-तरह की फीस वसूल ली जाती है।
कैंपस प्लेसमेंट: कुछ जालसाल छोटे शहरों में जॉब कंसल्टेंट बनकर सीधे कॉलेज या इंस्टीट्यूट के चेयरमैन से संपर्क करते हैं। वे टॉप फॉर्मों में प्लेसमेंट कराने का वादा करते हैं. इसके बदले एकमुश्त बड़ी रकम वसूल लेते हैं। इंटरव्यू से पहले ही ये चंपत हो जाते हैं।
कैसे ठगी से बचें?
सुरक्षित तरीके से नौकरी पाने के लिए इन तरीकों को अपनाया जाना चाहिए।
विश्वसनीय वेबसाइटों पर जाएं: ज्यादातर कंपनियां अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नई नौकरियां पोस्ट करती हैं। इस तरह संदेहास्पद मेल की जगह कंपनी के करियर पेज पर जाएं। साइट पर सीधे अप्लाई करें। विदेश में नौकरी के लिए भारत में ‘एजेंटों’ से संपर्क कतई न करें।
जॉब पोजिशन के साथ सीवी पोस्ट करें: जॉब पोर्टल पर सीवी पोस्ट करते हुए सुनिश्चित कर लें कि उस पर वह पोस्ट लिखी गई हो जिसके लिए आवेदन कर रहे हैं। इसके रेस्पॉन्स में जो भी मेल मिलेगी, उसमें इस पोस्ट का जिक्र होगा।

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