समाचार सच, हरिद्वार। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचार और इस्कॉन मंदिर के महंत कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ भारत में साधु-संतों ने गहरा आक्रोश जताया है। संतों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की रक्षा के लिए भारत सरकार से सख्त कदम उठाने और आवश्यकता पड़ने पर शांति सेना भेजने की मांग की है।
स्वामी आनंद स्वरूप ने जताई चिंता
शाम्भवी आश्रम के परम अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति भारत के लिए खतरनाक संकेत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि हालात नहीं सुधरते, तो सैनिक हस्तक्षेप पर विचार किया जाना चाहिए।
जूना अखाड़ा ने भी उठाई आवाज
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर प्रमोद आनंद गिरि ने बांग्लादेश की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उन्होंने श्रीलंका में शांति सेना भेजने का उदाहरण देते हुए हिंदुओं की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश में सेना भेजने की अपील की।
महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश की अपील
महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश ने बांग्लादेश में आतंकी संगठनों की शह पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद गंभीर है। साथ ही, उन्होंने इस्कॉन जैसे धार्मिक संगठनों पर हो रहे हमलों की निंदा की, जो बांग्लादेश के संकट के समय बिना किसी भेदभाव के लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे थे।
संतों की मांग
साधु-संतों ने एक स्वर में भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की अपील की है। संतों का कहना है कि भारत को अल्पसंख्यक हिंदुओं की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाना चाहिए।
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