समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। होलिका दहन के पहले 8 दिनों का होलाष्टक रहता है। इन आठ दिनों में भक्त प्रहलाद की हत्या करने के लिए उनके पिता हिरण्यकश्यप ने हर तरह की पीड़ा दी थी और ज्योतिष मान्यता के अनुसार इन 8 दिनों में 8 ग्रह अपनी उग्रावस्था में रहते हैं। ऐसे में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक सभी शुभ कार्यों पर प्रतिबंध रहता है।
8 ग्रह उग्र: ज्योतिष की मानें तो होलाष्टक के दिनों में 8 ग्रह उग्र हो जाते हैं। जिसके अनुसार अष्टमी को चंद्र, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को बृहस्पति (गुरु), त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु ये सभी ग्रह इस समयावधि में उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। इसी कारण से इन दिनों शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। तत्पश्चात रंगों का पर्व यानी होली का त्योहार जीवन में खुशियां लेकर आता है।
होलाष्टक 2024 में वर्जित कार्य- विवाह करना, वाहन खरीदना, घर खरीदना, भूमि पूजन, गृहप्रवेश, 16 संस्कार
यज्ञ, हवन या होम, नया व्यापार शुरु करना, नए वस्त्र या कोई वस्तु खरीदना, यात्रा करना, नए गृह का निर्माण
नवविवाहिताओं को मायके में रहना चाहिए, तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए
होलाष्टक के दिन क्या करना चाहिए-
- होलाष्टक में पूजा-पाठ करने और भगवान का स्मरण भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- मान्यता है कि होलाष्टक में कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
- होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करना चाहिए जिससे आर्थिक संकट समाप्त होकर कर्ज मुक्ति मिलती है।
- होलाष्टक के दौरान भगवान नृसिंह और हनुमानजी की पूजा करना चाहिए।
- होलाष्टक के दौरान श्रीकृष्ण की की पूजा के साथ ही इस दौरान लड्डू गोपाल का पूजन कर संतान गोपाल मंत्र का जाप या गोपाल सहस्त्र नाम पाठ करवा कर अंत में शुद्ध घी व मिश्री से हवन करेंगे तो शीघ्र संतान प्राप्ति होती है।
- होलाष्टक के दौरान किए गए व्रत और दिए गए दान से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- रोग से बचने के लिए शिव पूवा और महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान प्रारम्भ करवाएं, बाद में हवन करें।
- विजय प्राप्ति हेतु आदित्यहृदय स्त्रोत, सुंदरकांड का पाठ या बगलामुखी मंत्र का जाप करें।
- परिवार की समृद्धि, सुख शांति हेतु रामरक्षास्तोत्र, हनुमान चालीसा व विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- अपार धन-संपदा के लिए गुड़, कनेर के पुष्प, हल्दी की गांठ व पीली सरसों से हवन करें।
- करियर में चमकदार सफलता के लिए जौ, तिल व शकर से हवन करें।
- कन्या के विवाह हेतु-कात्यायनी मंत्रों का इन दिनों जाप करें।
- सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चावल, घी, केसर से हवन करें।
- बच्चों का पढाई में मन नहीं लग रहा है तो गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। फिर मोदक व दूर्वा से हवन करें।
- नवग्रह की कृपा प्राप्ति हेतु भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक करें, क्योंकि इन 8 दिनों में 8 ग्रह उग्रावस्था में रहते हैं।
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