जामुन के बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए किस तरह से फायदेमंद है, आइए जानते हैं

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। जामुन का पेड़ बड़े आकार का होता है, जिस पर गर्मियों के दौरान गुच्छों में जामुन के फल लगते हैं। इसका फल सुर्ख काले रंग का होता है। इस फल के अंदर एक बीज भी होता है, जिसके ऊपर एक हल्के गुलाबी और सफेद रंग की परत होती है। जामुन के बीज का अंदरूनी हिस्सा हरे रंग का होता है। यह बीज हल्का कठोर होता है, लेकिन हाथों के जरिए ताकत से दबाने पर यह टूट भी जाता है। जामुन खाने के बाद कुछ लोग इसे भी खा जाते हैं, जिनके स्वास्थ्य फायदों के बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है।

डायबिटीज की समस्या में
डायबिटीज से बचने के लिए भी जामुन बीज के फायदे आपको लाभदायक परिणाम दिखा सकते हैं। दरअसल, जामुन बीज में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है। साथ ही विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि जामुन के बीज से बने सप्लीमेंट टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं। साथ ही डायबिटीज से जुड़े जोखिम को भी कम कर सकते हैं।

गैस्ट्रिक समस्या के लिए
अगर आप गैस्ट्रिक समस्या से परेशान हैं, तो जामुन बीज का उपयोग आपको इस समस्या से भी राहत दिला सकता है। माना जाता है कि जामुन बीज से निकलने वाले अर्क का इस्तेमाल कर गैस की समस्या से राहत मिल सकती है। हालांकि, यह किस प्रकार इस समस्या को ठीक करने में मदद करता है, इस पर अभी पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।

कब्ज की समस्या के लिए
कब्ज की समस्या से बचने के लिए भी जामुन बीज का इस्तेमाल आपके काम आ सकता है। दरअसल, जामुन बीज में क्रूड फाइबर की मात्रा पाई जाती है। एक वैज्ञानिक रिसर्च के माध्यम से पाया गया है कि कब्ज की समस्या में क्रूड फाइबर आपको लाभदायक परिणाम दिखा सकता है।

ब्लड प्रेशर के लिए
बढ़े हुए रक्तचाप को कम करने के लिए भी जामुन की गुठली के फायदे प्रभावी रूप से कार्य कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, जामुन के बीज में एलेजिक एसिड की मात्रा पाई जाती है। शोध में एलेजिक एसिड की मात्रा के सेवन करने से आश्चर्यजनक रूप से ब्लड प्रेशर में कम देखने को मिली। इस प्रकार एलेजिक एसिड के प्रयोग से ब्लड प्रेशर लगभग 36 प्रतिशत तक कम हो सकता है ।

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पाचन क्रिया के लिए
एक स्वस्थ्य शरीर के लिए स्वस्थ पाचन क्रिया का होना जरूरी है। इसके लिए जामुन की गुठली का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। जामुन के बीज में क्रूड फाइबर की मात्रा पाई जाती है। क्रूड फाइबर का सेवन बेहतरीन पाचन क्रिया के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसकी पूर्ति आप जामुन के बीज के जरिए कर सकते हैं।

दांतों और मसूड़ों के लिए
दांतों और मसूड़ों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी जामुन बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। जामुन बीज में पाए जाने वाले कैल्शियम का सेवन करने से दांत मजबूत बने रहते हैं और इनका विकास सही से होता है। दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बच्चों और व्यस्क दोनों को कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, विटामिन-सी की कमी से मसूड़ों में सूजन और खून निकलने की समस्या का इलाज भी जामुन बीज में पाए जाने वाले विटामिन-सी के जरिए किया जा सकता है।

पीरियड्स में
पीरियड्स में महिलाओं को ब्लीडिंग के दौरान दर्द का भी सामना करना पड़ता है। इस दर्द से निजात पाने के लिए महिलाएं पीरियड्स के दौरान जामुन बीज के पाउडर का सेवन कर सकती हैं, जो उन्हें दर्द से आराम पहुंचाने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि जामुन के बीज में जिंक पाया जाता है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

उल्टी से राहत दिलाने के लिए
खान-पान पर विशेष ध्यान न देने और पाचन शक्ति के प्रभावित होने पर आपको कभी-कभी उल्टी की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है। जामुन के बीज के पाउडर का उपयोग डायस्पेसिया एक ऐसी मेडिकल कंडीशन जिसमें उल्टी का भी लक्षण शामिल है) के इलाज में किया जाता है। इसलिए, जामुन के बीज से बने पाउडर को पानी में मिलाकर पीने से उल्टी की समस्या से आपको राहत मिल सकती है।

बलगम (कफ) को दूर करने के लिए
कभी-कभी आपको कफ/बलगम की समस्या से भी गुजरना पड़ता होगा। जामुन के बीज के फायदे कफ/बलगम को दूर करने में भी देखे जा सकते हैं। गले की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जामुन बीज पर जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जामुन के बीज से निकलने वाला अर्क कफ को दूर करने के काम आ सकता है। इस संबंध में भी अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

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त्वचा के लिए
त्वचा के लिए भी जामुन की गुठली के फायदे देखे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि जामुन की गुठली में एंटीऑक्सीडेंट क्रिया पाई जाती है। दरअसल, एंटीऑक्सीडेंट क्रिया फ्री रेडिकल्स को खत्म कर त्वचा को बचाने का काम करती है। अगर फ्री रेडिकल्स को न रोका जाए, तो इससे त्वचा कैंसर और फोटो एजिंग की समस्या हो सकती है। इस प्रकार जामुन के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट क्रिया त्वचा के लिए भी लाभदायक हो सकती है।

जामुन की गुठली का उपयोग –
जामुन की गुठली को हम इस प्रकार उपयोग कर सकते हैं-

  • जामुन की गुठली के ऊपरी छिलके को साफ करने के बाद, आप इसके हरे भाग को कच्चा भी खा सकते हैं।
  • इस हरे भाग को तेल में तलकर नमक के साथ भी खाया जा सकता है।
  • जामुन की गुठली को पीसकर इसे चटनी की तरह खा सकते हैं।
  • जामुन के बीज के ऊपरी छिलके को साफ करके इसको जूस के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • जामुन के बीज को धूप में सुखाने के बाद इसे पीसकर इसका पाउडर बना लें। अब इस पाउडर को पानी में मिलाकर पीने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

कब खाएं – जामुन के बीज का सेवन आप दिन में एक बार किसी भी वक्त कर सकते हैं।
कितना खाएं – कोशिश करें कि एक बार में जामुन के 6-8 बीज ही इस्तेमाल करें।

नोट- जामुन बीज के सेवन के समय और खाने की सही मात्रा की जानकारी के लिए एक बार किसी आहार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

जामुन बीज के उपयोग से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में जानना बेहद आवश्यक है।

जामुन की गुठली के नुकसान –

जामुन की गुठली के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं।

  • अगर आपने जामुन के 5-6 बीज एक साथ खा लेते हैं, तो ये आपके गले में फंस सकते हैं, जिस कारण आपका दम भी घुट सकता है।
  • जामुन की गुठली में कार्बाेहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन करने से वजन बढ़ सकता है।
  • जामुन के बीज में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन आपका पेट खराब कर सकता है और आपको डायरिया भी हो सकता है।
  • कुछ जामुन के बीज में कीड़े भी हो सकते हैं, इन्हें खाने से बचें।

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