चन्द्र ग्रहण 2025: चंद्र ग्रहण से जुड़ी सावधानियों और असरदार उपायों के बारे में जानते हैं

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 7 सितंबर 2025 को रात्रि 09.57 बजे शुरू होकर मध्यरात्रि 1.26 बजे तक रहेगा। इसका सूतककाल दोपहर 1.57 से प्रारंभ होकर ग्रहण समाप्ति तक रहेगा। जानें क्यों है इस बार का चंद्र ग्रहण इतना खतरनाक और इससे बचने के लिए जरूरी सावधानियां और अचूक उपाय। गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग विशेष ध्यान दें। चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन भारतीय ज्योतिष और संस्कृति में इसका गहरा महत्व है। माना जाता है कि ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इस बार का चंद्र ग्रहण कई मायनों में विशेष माना जा रहा है, इसलिए इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस लेख में, हम आपको इस खतरनाक चंद्र ग्रहण से जुड़ी सावधानियों और असरदार उपायों के बारे में बताएंगे।

चंद्र ग्रहण: क्यों है यह इतना खतरनाक?
ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार का चंद्र ग्रहण कुछ विशेष राशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, इसका योग भी ऐसा है कि यह स्वास्थ्य, धन और व्यक्तिगत संबंधों पर बुरा असर डाल सकता है। इस ग्रहण का प्रभाव कई दिनों तक रहने की संभावना है, जिससे लोगों को मानसिक और शारीरिक कष्ट हो सकता है।

  • पंडितों और ज्योतिष की मानें तो 122 वर्षों बाद यह ग्रहण श्राद्ध पक्ष की शुरुआत में लग रहा है। पितृपक्ष का अंत भी ग्रहण से हो रहा है। इसके पूर्व वर्ष 1903 में पितृपक्ष में एक साथ दो ग्रहण लगे थे। उस समय चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया था।
  • इस ग्रहण के दौरान शनि वक्री हैं और बृहस्पति अतिचारी हैं। इसलिए भी यह ग्रहण अशुभ माना जा रहा है।
  • इसी समय पंचम भी चल रहा है।
  • चंद्र ग्रहण के ठीक 14 दिनों के बाद 21-22 सितंबर को सूर्य ग्रहण रहेगा। 21 सितंबर को सर्पपितृ अमावस्या रहेगी।
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ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां
घर से बाहर न निकलें

ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का संचार बहुत अधिक होता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को इस दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए।

खाने-पीने से बचें-

ग्रहण से पहले भोजन कर लें और ग्रहण काल के दौरान कुछ भी खाने-पीने से बचें। माना जाता है कि ग्रहण की किरणें भोजन को दूषित कर देती हैं।

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पूजा-पाठ न करें
ग्रहण काल में मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए और मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए।

तेजधार वाली चीजों का प्रयोग न करें
इस समय चाकू, सुई या अन्य किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। यह विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

गलत विचार मन में न लाएं
ग्रहण काल में मन को शांत रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

चंद्र ग्रहण के अचूक उपाय
मंत्रों का जाप करें

ग्रहण के दौरान ‘ऊँ नमः शिवाय’ या ‘महामृत्युंजय’ मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।

स्नान और दान करें
ग्रहण समाप्त होने के बाद तुरंत स्नान करें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद, अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।

तुलसी के पत्ते का प्रयोग
ग्रहण से पहले भोजन और पानी में तुलसी के पत्ते डाल दें। तुलसी की पत्तियां ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा से खाद्य पदार्थों की रक्षा करती हैं।

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