समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व होता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। सावन मास देवों के देव महादेव को समर्पित है। ऐसे में सावन महीने में आने वाली अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या या सावन अमावस्या कहा जाता है। हरियाली अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है इस दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना भी शुभ माना गया है। जानें अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त-
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अमावस्या तिथि कब से कब तक: 03 अगस्त 2024 को अमावस्या तिथि दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर प्रारंभ होगी और 04 अगस्त को शाम 04 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी।
हरियाली अमावस्या के दिन दान का शुभ मुहूर्त-
हरियाली अमावस्या के दिन दान का उत्तम मुहूर्त सुबह 09 बजकर 05 मिनट से दोपहर 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दूसरा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। तीसरा मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से दोपहर 03 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
हरियाली अमावस्या के दिन बन रहे कई शुभ मुहूर्त-
हरियाली अमावस्या के दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिससे इन दिन का महत्व बढ़ रहा है। अमावस के दिन रवि पुष्य योग व सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। रवि पुष्य योग सुबह 05.43 से दोपहर 01.26 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05.43 बजे से दोपहर 01.26 बजे तक रहेगा।
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अमावस्या के दिन करें ये उपाय-
मां लक्ष्मी का प्रसन्न करने के लिए मां लक्ष्मी को मखाने, बताशे, खीर का भोग व इत्र अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर पर आगमन होता है।
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