हल्द्वानी की प्राचीन रामलीला में श्रीराम केवट संवाद देख भावुक हुए दर्शक

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समाचार सच, हल्द्वानी। यहां की प्राचीन श्री रामलीला में शनिवार को राम केवट संवाद, दशरथ मरण, भरत मिलाप की लीला का मंचन किया गया। इस दौरान व्यास पुष्कर चन्द्र भट्ट शास्त्री द्वारा राम केवट संवाद का बहुत ही सुंदर वर्णन किए जाने से उपस्थित दर्शक भावुक हो गए। लीला ग्राउंड में दिन की लीला में तनुज गुप्ता द्वारा बहुत सुंदर सरयू नदी नव का की झांकी का निर्माण कराया गया। जिसमें भगवान राम को केवट द्वारा सरयू नदी पार कराई जाती है केवट भगवान श्री राम से कहता है कि प्रभु आपके पैरों के धूल से एक पत्थर की शिला महिला बन जाता है मेरी नाव तो लकड़ी की है इसका जाने क्या होगा मेरी तो ये रोजी रोटी है, मुझे आप केवल अपने चरण धोने की अनुमति दे दें, जिससे मेरी नाव भी कहीं कोई महिला या कुछ और ना बन जाए तब श्री राम जी केवट से मुस्कुरा कर कहते हैं कि आप वही करो जिससे आपकी नाव न जाए।
कृपासिंधु बोले मुसुकाई, सोइ करु जेहिं तव नाव न जाईश् इस प्रकार केवट ने भगवान से भव सागर से पार जाने का वरदान मांग लिया।

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इससे पूर्व वहीं सुमंत वापस अयोध्या लौटकर आते हैं और बड़े ही दुःखी होकर दशरथ को राम के वापस न लौटने की बात बताते हैं, जिससे दुरूखी होकर दशरथ राम के वियोग में प्राण त्याग देते हैं। वहीं भरत जब ननिहाल से वापस आते हैं और उन्हें भ्राता राम के वनवास एवं पिता की मृत्यु का समाचार मिलता है तो वह माता कैकई से इसका कारण पूछते हैं तो कैकई उन्हें बताती हैं। सुनकर भरत कैकई पर बहुत क्रोधित होते हैं। फिर भैया राम को वापस लेकर आने के लिए वन जाने का प्रण करते हैं।
इधर वन में सीता को एक अशुभ स्वप्न आता है जिसमें माताओं को मलिन भेष में देखती हैं। भरत राम से मिलने आते हैं और पिता की मृत्यु के बारे में बताते हैं। इस पर राम दुःखी होते हैं, बाद में भरत को वापस लौटने के लिए कहते हैं। राम वापस न लौटने की विवशता बताते हैं फिर भरत राम की खड़ाऊ अपने सर पर रखकर ले जाते हैं।

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आज व्यास पूजन अजय राजौर, नवीन वर्मा, विपिन बंसल, बासु बिष्ट ने किया। अतिथि के रूप में योगेश जोशी, नवीन वर्मा, राम औतार राजौर, प्रदीप गोयल आदि रहे। संचालन समिति से बिन्देश गुप्ता साकेत अग्रवाल, प्रेम गुप्ता,प्रदीप जनौटी, मनोज गुप्ता, पंकज कपूर, तरंग अग्रवाल, आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। रामलीला में प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल महिला प्रकोष्ठ, अध्यक्ष श्रीमती कुसुम डिगारी, आकृति समिति अध्यक्ष श्रीमती कुसुम डिगारी जी, श्री श्याम सेवक मंडल समिति, महावीर महिला समिति, अध्यक्ष श्रीमती अलका ने सेवा दी।
इधर रात्रि लीला में आज मारीच सुबाहु वध अहिल्या उद्धार प्रथम अमराई विश्राम की लीला का मंचन किया गया।

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