झाड़ियों में तड़पता रहा नवजात, चींटियों से घिरा था, लेकिन पुलिस बनी मसीहा

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समाचार सच, ऋषिकेश डेस्क। मां देख… ऋषिकेश की पुलिस ने मुझे बचा लिया। तूने तो मुझे झाड़ियों में फेंक दिया था’ ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, बल्कि उस नवजात की खामोश चीख है जिसे अपनी ही मां ने झाड़ियों में मरने को छोड़ दिया था। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। ऋषिकेश पुलिस की सजगता और संवेदनशीलता ने समय रहते उस मासूम की जान बचा ली।

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घटना ऋषिकेश के आईडीपीएल हॉकी ग्राउंड की है। बीती सुबह करीब साढ़े पांच बजे मॉर्निंग वॉक कर रहे कुछ लोगों को झाड़ियों के पास किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। चौकी प्रभारी विनय शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और झाड़ियों से चींटियों से घिरे उस नवजात को बाहर निकाला। पुलिसकर्मी भी बच्चे की हालत देख भावुक हो उठे।

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बच्चे को कपड़े में लपेटकर तुरंत एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया, जहां उसे निक्कू वार्ड में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों की विशेष टीम उसकी देखभाल कर रही है और वह अब पूरी तरह स्वस्थ बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि बालक के माता-पिता की पहचान की जा रही है। पहचान होने पर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल ये है कि मां ने अपनी कोख से जन्मे इस मासूम को क्यों त्यागा? वो तो अच्छा हुआ कि समय पर किसी ने सुना, वरना ये कहानी हमेशा के लिए झाड़ियों में ही दब जाती।

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