समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को जेठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। वैसे तो पूरे साल पड़ने वाली पूर्णिमा खास होती है, लेकिन ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने का विधान है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही चंद्रदेव की भी उपासना की जाती है। उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस दिन तुलसी से जुड़े खास उपाय जीवन की हर बाधा को दूर कर सकते हैं।


ज्येष्ठ पूर्णिमा कब मनाई जाएगी?
ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 10 जून मंगलवार को सुबह 11.35 बजे से शुरू हो रही है, जबकि इसका समापन 11 जून बुधवार को दोपहर 1.13 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून को मनाई जाएगी।
ग्रह कलह
अगर घर में लगातार पारिवारिक कलह मची रहती है. घर में शांति, सुख और समृद्धि चाहते हैं तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी का नया पौधा लाकर उसे उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाएं। इस दिशा में तुलसी रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में दिव्य स्पंदन का संचार होता है।
अटका धन
व्यवसाय या नौकरी में रुकावटें आ रही हों तो तुलसी की एक टहनी को पीले कपड़े में बांधकर उसे अपने धन स्थान जैसे ऑफिस, दुकान या तिजोरी में रखें. कहते हैं इससे रुका हुआ पैसा मिलने लगता है. करियर में तरक्की के द्वार खुलते हैं।
आर्थिक तंगी
वैसे तो रोजाना तुलसी की पूजा अर्चना करनी चाहिए, लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर तुलसी के 11 पत्ते तोड़ें (तोड़ने से पहले तुलसी माता से क्षमा मांगें)। इन पत्तों को लाल कपड़े में बांधकर दरवाजे की चौखट पर टांग दें. यह उपाय न केवल आर्थिक संकट से उबारता है, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।




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