समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 22 जुलाई 2024 से श्रावण मास प्रारंभ हो गया है। सावन माह का आज पहला सोमवार है और उज्जैन में महाकाल सवारी निकलेगी। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक और रुद्राभिषेक करने का महत्व है। इसी के साथ ही शिवजी को सप्तधान अर्पित करने का भी खासा महत्व है, जिसे शिवा मुट्ठी कहते हैं। आओ जानते हैं कि क्या होती है शिवा मुट्ठी।
दूसरे सोमवार पर इस मुहूर्त में करें पंचामृत अभिषेक, मिलेंगे फायदे
शिवा मुट्ठी में अनाज होते हैं- अरहर की दाल, अक्षत, गेहूं, काला तिल और मूंग की दाल।
अरहर दाल
सुख, शांति और समृद्धि के लिए एक मुट्ठी पीली तुअर की दाल अर्पित करना चाहिए।
चावल
शिवजी को चावल अर्पित करते वक्त यह ध्यान रखें कि वह टूटे हुए न हो। इससे सभी तरह की परेशानी समाप्त हो जाती है।
गेहूं
एक मुट्ठी गेंहूं अर्पित करने से विवाह में आ रही बाधा या वैवाहिक जीवन की बाधा दूर होती है और व्यक्ति सांसारिक सुख प्राप्त करता है।
काला तिल
काले तिल अर्पित करने से सभी तरह के कलह और कलेश समाप्त हो जाते हैं। इससे शनि दोष भी समाप्त हो जाता है।
मूंग की दाल
पीली मूंग की दाल चढ़ाने से काम में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार को करें ये कार्य-
- प्रथम सोमवार को कच्चे चावल एक मुट्ठी
- दूसरे सोमवार को सफेद तिल् एक मुट्ठी,
- तीसरे सोमवार को खड़े मूँग एक मुट्ठी,
- चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी और
- पांच सोमवार आखरी सोमवार को दो मुट्ठी भोग अर्पित करते हैं।
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