समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से विवादों में रहने वाली खंड शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत को 70 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के आदेश पर की गई। दमयंती रावत, जो कीर्तिनगर में खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात थीं, पर कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव रहते हुए सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर आरोप है।
आरोपों की सूची
निलंबन आदेश में दमयंती रावत पर पांच मुख्य आरोप लगाए गए हैंः
-सचिव कर्मकार कल्याण बोर्ड रहते हुए उन्होंने बिना अनुमति 50 करोड़ रुपये का समझौता अनुबंध किया।
-बोर्ड की निधि से ऋण के रूप में राशि निदेशक म्मैप् को उपलब्ध कराने के बजाय सीधे ब्रिज एंड रूफ इंडिया लिमिटेड को तीन चेकों के माध्यम से भुगतान किया गया।
-सचिव पद पर रहते हुए बोर्ड की निधि में भारी वित्तीय अनियमितता की गई।
-कर्मकार कल्याण अधिनियम 1996 और नियमावली 2006 के प्रावधानों के विरुद्ध जाकर कूटरचित षड्यंत्र का हिस्सा बनने का आरोप।
-कर्मकार कल्याण निधि का दुरुपयोग करते हुए आर्थिक अपराध में भागीदारी का आरोप।
-दमयंती रावत पर यह आरोप तब लगे, जब वह हरक सिंह रावत के श्रम मंत्री रहते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव पद पर तैनात थीं। उनके कार्यकाल में हुए विभिन्न वित्तीय लेन-देन को लेकर यह विवाद उठा।
शिक्षा विभाग की कड़ी कार्रवाई
शिक्षा सचिव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निलंबन आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी। यह निलंबन उत्तराखंड शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा है।


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