हल्द्वानी की प्राचीन रामलीलाः सूर्पनखा की नासिका छेदी, संहारे खर-दूषण

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Haldwani ramlila : समाचार सच, हल्द्वानी। श्री रामलीला कमेटी की ओर से चल रही प्राचीन रामलीला में रविवार को अगस्त मुनि संवाद, पंचवटी, सूर्पनखा नासिका छेदन और खर-दूषण वध की लीला का मंचन किया गया। लीला स्थल पर जमकर आतिशबाजी की गई और दानव वध के बाद उनके पुतलों का दहन किया। इस दौरान मंच से व्यासजी पुष्कर दत्त भट्ट शास्त्री द्वारा अपने मुखारबिन्दु से संगीतमयी चौपाइयों के बीच अद्भुत मंचन ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इधर रात्रि लीला में पुष्प वाटिका, धनुष यज्ञ तथा राम विवाह की लीला मंचन रात्रि लीला के व्यास पंडित जानकी दास द्वारा कराया गया।

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वन गमन के मध्य दंडक वन में प्रभु श्री राम जी की मुलाकात गिद्धराज जटायु से होती है, सभी मुनियों द्वारा प्रभु राम से प्रार्थना की जाती है कि हे प्रभो! एक परम मनोहर और पवित्र स्थान है, उसका नाम पंचवटी है। हे प्रभो! आप दण्डक वन को (जहाँ पंचवटी है) पवित्र कीजिए और श्रेष्ठ मुनि गौतमजी के कठोर शाप को हर लीजिए। भगवान श्री राम मुनियों की प्रार्थना सुन कर माता सीता तथा लखनलाल जी पंचवटी में निवास करते हैं। पंचावती में रावण की बहन सूर्पनखा भगवान के रूप को देख कर मोहित हो उठती है और विवाह करने की इच्छा जाहिर करती है प्रभु राम कहते हैं देवी मैं पत्नीव्रता विवाहित पुरुष हूं आप मेरे छोटे भाई लक्ष्मण से विवाह की बात कर लीजिए इस पर कुपित हो कर सूर्पनखा सीता माता पर झपटती है, जिस पर लक्ष्मण जी द्वारा सुरपनाखा की नासिका छेदन कर दिया जाता है। नासिका कटने के बाद रोते हुए सूर्पनखा अपने भाई खर-दूषण के पास पहुंचती है। खर-दूषण बहन का बदला लेने को राम-लक्ष्मण पर चढ़ाई कर देते हैं, लेकिन भगवान राम दोनों का संहार कर देते हैं।

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आज के लीला में अतिथि हाई कोर्ट नैनीताल के न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा, एडवोकेट पियूष गर्ग व्यवसाई राकेश अग्रवाल, मनोहर केसरवानी, आईएमए से अध्यक्ष डा उपेंद्र ओली, सचिव डा प्रदीप पांडे,रजत गर्ग, सुशील पप्पी, कृष्णानंद चौबे नरेंद्र साहनी आदि रहे। रामलीला संचालन समिति से रिसीवर ए बी बाजपेई,भोलानाथ केसरवानी, सौरभ अग्रवाल,पंकज कपूर, विनीत अग्रवाल,अतुल अग्रवाल, योगेश शर्मा तथा प्रदीप जनौटी ने अतिथियों का पटका पहना कर स्वागत किया।

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दिन लीला में नब्बू भाई, रोहित ठाकुर, सुशील शर्मा रहित ठाकुर, महेश राजा आदि ने पंचवटी की झांकी का सुंदर व भव्य निर्माण कराया। जबकि केसरवानी महिला समिति द्वारा तिलक चंदन लगा कर श्रृद्धालुओं का स्वागत किया गया। व्यास मंच पर व्यास जी के साथ पंडित रीतेश जोशी तथा पंडित प्रमोद भट्ट ने संगत दी।

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