आयुर्वेद में, इम्यूनिटी को एक सुरक्षा कवच के रूप में जाना जाता है

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। जब आपके शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है, तो आपके शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता में सुधार होता है और आप स्वस्थ रहते हैं। इसके लिए आपको एक बैलेंस डाइट लेने की जरूरत है जो आपको आवश्यक पोषक तत्व दे सके। साथ ही अपनी डाइट में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों को शामिल करें जो आपको इंफेक्शन से लड़ने में मदद करें। आयुर्वेद मुख्य रूप से जड़ी-बूटियों और जड़ों का उपयोग औषधीय रूप में करता है। कुछ जड़ी-बूटियां इम्यून सिस्टम को मजबूत कर न सिर्फ संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती हैं बल्कि शरीर में वात, पित्त और कफ के स्तर को मैनेज करने के लिए भी महान हैं। यह एक हेल्दी इम्यूनिटी बनाए रखने में मदद करता है। यहां ऐसी 7 कारगर जड़ी बूटियां हैं जो इंफेक्शन से आपके शरीर की रक्षा करती हैं।
अश्वगंधा – यह जड़ी बूटी इम्यूनिटी कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्माेन) के उत्पादन को मैनेज करके तनाव को भी कम करती है, जो बीमारियों से निजात पाने के लिए संबंधित है। आप अश्वगंधा का सेवन दूध के साथ, हल्दी के साथ, सर्वाेत्तम परिणामों के लिए कर सकते हैं।
हल्दी – इस मसाले को सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है क्योंकि इसमें औषधीय गुणों के साथ बायोएक्टिव यौगिक होते हैं। यह आमतौर पर भारत में एक मसाले के साथ-साथ आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है। हल्दी में सबसे सक्रिय यौगिक में से एक कर्क्यूमिन है जिसमें मजबूत एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं।
काली मिर्च – ज्यादातर भारतीय घरों में काली मिर्च का उपयोग किया जाता है। यह हीलिंग पेपर कैरमैनेटिव है; यह आंतों की गैस को हतोत्साहित करता है, और शरीर को गर्म करता है इसलिए यह पसीने को बढ़ावा देता है, जो विषाक्त पदार्थों के शरीर से छुटकारा पाने में मदद करता है। काली मिर्च में न केवल एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल है, बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी गुणों को बढ़ा सकती है।
तुलसी – तुलसी न केवल एक इम्यूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी बूटी है, यह भारतीय घरों में सबसे अधिक पाया जाने वाला पौधा भी है। तुलसी का विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए सेवन किया जाता है। कुल मिलाकर, तुलसी फेफड़ों से संबंधित बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, भीड़, फ्लू आदि से राहत दिलाने में मदद कर सकती है।
नीम – नीम, जिसे चमत्कार जड़ी बूटी के रूप में भी जाना जाता है, एक अन्य रोगाणुरोधी जड़ी बूटी है जिसका हर हिस्सा औषधीय उपचार में काम आता है। नीम रक्त को साफ करता है और शरीर से किसी भी विष को बाहर निकाल देता है। नीम में फंगस, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है। यह अपने एंटीकैंसर गुणों के लिए जाना जाता है।
गिलोय – यह जड़ी बूटी एक रक्तशोधक है, यानि खून को साफ करने के लिए गिलोय काफी फायदेमंद मानी जाती है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट सामग्री के कारण गिलोय पाचन में रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद कर सकता है। इस जड़ी बूटी का संयुक्त प्रभाव इम्यूनिटी को भी बढ़ावा दे सकता है।
आंवला – यह भारतीय करौदा विटामिन सी से भरपूर होता है और इसमें ऐसे गुण हैं जो इम्यून सिस्टम के कामकाज को बढ़ाते हैं। सुबह खाली पेट आंवले का रस पीने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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