डायरिया होने पर ऐसे करें चावल के पानी का उपयोग, तुरंत मिलेगा फायदा

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। गर्मी और बारिश के मौसम में दूषित पानी और पानी की कमी से होने वाले रोग बहुत तेजी से फैलते हैं। ऐसा ही रोग है डायरिया। इसमें लूज मोशनऔर उल्टियों के कारण बीमार व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी तेजी से होती है और साथ ही सॉल्टऔर मिनरल्स का भी अभाव होने लगता है। इस कारण बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। इन सभी पोषक तत्वों की कमी को बहुत जल्दी दूर करने में चावल का पानी बहुत सहायक होता है। इस आर्टिकल में आपको चावल का यह पानी तैयार करने और इसका उपयोग करने की विधि बताई जा रही है…

यह है आयुर्वेदिक विधि –

  • आयुर्वेद में ज्यादातर बीमारियों में भोजन के द्वारा ही शरीर को ठीक करने की विधियां अपनाई जाती हैं। डायरिया होने पर चावल के जिस पानी का उपयोग करना चाहिए उसे देसी भाषा में मांड, माड़ या मांड कहते हैं।
  • जब प्रेशर कुकर नहीं हुआ करते थे, उस समय चावल को पतीली या भगोने में पकाकर तैयार किया जाता था। चावल पकने के बाद बर्तन में बचे पानी को निथारकर अलग कर लिया जाता है और इसे ही माड कहते हैं।
  • इस मांड में काला नमक मिलाकर पीने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। क्योंकि यह माड पानी, मिनरल्स और विटमिन्स के पोषण का खजाना होता है। डायरिया ठीक करने की किसी भी दवाई से अधिक प्रभावी तरीके से यह मां डायरिया ठीक भी करता है और कमजोरी भी दूर करता है।
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ऐसे तैयार करें माड

  • मांड बनाने के लिए आप घर में खाने के लिए बनाए जाने वाले चावल को कुकर की जगह किसी अन्य बर्तन में तैयार करें ताकि इसका पानी नितारा जा सके। इन चावल को धीमी आंच पर पकाते हुए तैयार करें। जब चावल पक जाएं तो बचे हुए पानी को निथार लें यह पानी गाढ़ा और सफेद होता है। इसी को मांड कहते हैं।
  • यदि आप चावल इस विधि से चावल नहीं बनाना चाहते और सिर्फ मांड तैयार करना है तो आप 1 कटोरी चावल को 6 कटोरी पानी में धीमी आंच पर पकने के लिए रख दें। जब चावल पक जाएं तो इन्हें मांड में ही घोल दें और काला नमक मिलाकर सूप की तरह पिएं।

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