समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। सनातन धर्म में भगवान शिव के वाहन नंदी को भी देव समान दर्जा दिया गया है। शिव मंदिरों में प्रवेश के दौरान ही आपको नंदी जी की मूर्ति अवश्य दिखाई देगी, जो शिव की ओर मुख किए हुए होती है। नंदी महाराज शिव जी के सबसे अधिक प्रिय गणों में सर्वाेच्च माने जाते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नंदी जी, भगवान शिव के द्वारपाल सेवक के रूप में उनकी सेवा में रहते है। मान्यता है कि नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना कहने से वह बात सीधे भोलेनाथ तक पहुंच जाती है। इस बात का वर्णन ग्रंथों में भी किया गया है। चलिए जानते है नंदी के किस कान में बोलने से पूरी होती है इच्छा।
नंदी के कान में मनोकामना कहने का सही तरीका
नंदी महाराज के कानों में कुछ कहने से पूर्व भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इसके बाद नंदी जी को जल, फूल और दूध अर्पित करें। अब धूप-दीप जलाकर नंदी जी की आरती करें। वैसे तो अपनी मनोकामना नंदी जी के किसी भी कान में कही जा सकती है। लेकिन बाएं कान में मनोकामना बोलने का महत्त्व अधिक माना गया है। इसलिए नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलने से पूर्व “घ्” शब्द का उच्चारण अवश्य करें।
नंदी के कान में मनोकामना कहने का सही नियम
- नंदी के कान में मनोकामना इस तरह कहें कि कोई अन्य व्यक्ति उसे सुन न सकें।
- नंदी के कान में मनोकामना को बहुत धीरे से लेकिन शब्दों को साफ उच्चारण में कहें।
- नंदी के कान में मनोकामना कहते समय अपने होठों को दोनों हाथों से छुपा लेवें।
- नंदी के कान में मनोकामना कहते समय किसी अन्य की बुराई भूल से भी न करें।
- नंदी महाराज जी से किसी को नुकसान पहुंचाने या गलत काम करने की इच्छा न रखें।
- मनोकामना बोलने के बाद ‘नंदी महाराज हमारी मनोकामना पूरी करो’ जरूर कहें।
- नंदी महाराज जी से एक बार में एक ही मनोकामना कहें, लालच में अधिक इच्छा न रखें।
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