सुबह उठकर गर्म पानी पीने से हो सकती है गंभीर परेशानियां, आयुर्वेद ने माना गर्म नहीं ऐसा पानी पीना जरूरी

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। कभी अपने कभी अपने बड़े-बूढ़ों से ये पूछने की कोशिश की है उन्होंने जीवन में कितना गर्म पानी पिया है? संसार में ये भ्रम फैलाया जा रहा है और अधिकतर लोग सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास कर लेते हैं। हमें पुराने ग्रन्थ-किताबें पढ़ने की आदत बनाना चाहिए। यह सुख-सुविधा का साधन हैं। आयुर्वेद के कुछ प्राचीन नियमों पर गौर करें तो हमारे पूर्वजों की भी यही परम्परा थी, तभी वे सौ वर्ष जीते थे। आयुर्वेद के अनेक ग्रंथो में जल चिकित्सा का वर्णन आया है। आयुर्वेदिक पुस्तकों में उल्लेख है कि सुबह जब व्यक्ति सोकर उठता है, तो उसकी जठराग्नि अर्थात पेट की गर्मी तेज रहती है, इसलिए उठकर कभी भी गर्म पानी नहीं पीना चाहिए। हमेशा सादा पानी ही पीना चाहिए, जो पेट को ठीक करता है और शरीर की गर्माहट शान्त हो जाती है, जिससे शरीर में कभी अकड़न-जकड़न नहीं होती।

  • आयुर्वेद की एक सलाह है कि भोजन ऐसे करें, जैसे पी रहे हों अर्थात खाने को बहुत चबा-चबाकर। जब तक कि वह पानी की तरह तरल न हो जाये। धीरे-धीरे खाने से कभी मोटापा नहीं बढ़ता औऱ पानी को ऐसे पियें जैसे खा रहे हों। पानी को हमेशा धीरे-धीरे बैठकर ही पीना चाहिए।
  • बैठकर पानी पीना बहुत लाभकारी होता है। खड़े होकर जल ग्रहण करने घुटनों व जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है। यह पीड़ा बुढ़ापे में बहुत दुःख देती है। इसलिए पानी हमेशा बैठकर ही पीना चाहिए। वहीं वात-पित्त-कफ का संतुलन बनाये रखने के लिए आयुर्वेद लाइफस्टाइल अमल करें। सादे जल के पीने से वात-पित्त-कफ कुपित नहीं होते। हमें केवल त्रिदोष रहित रहने का प्रयास करना चाहिए। यह सदैव स्वस्थ्य रखने में मदद करेगा।
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कुछ नियम जिन्हें सहजता से अपनाया जा सकता है –

  • भरपूर पानी पिएं
  • गर्मियों के दिनों में दिन भर में कम से कम 8 से 9 गिलास पानी पिएं

झुर्रियों से बचाव
आयुर्वेद के जल चिकित्सा ग्रन्थ तथा वैद्य कल्पद्रुम में उल्लेख है कि कम उम्र में चेहरे पर जो झुर्रियां पड़ती हैं, उसकी वजह शरीर में पानी की कमी है। जल का पर्याप्त मात्रा में उपयोग उम्ररोधी बताया गया है।

सुन्दरता वृद्धि में सहायक
एक ग्रन्थ में बताया है कि जो लोग बहुत आराम से एक-एक घूंट करके पानी पीने की आदत बना लेते हैं, उनके चेहरे पर निखार आता चला जाता है। सुन्दरता में वृद्धि होती है। चमकदार त्वचा और जवां बने रहने हेतु पानी पीने के पहले 3 से 4 बार बहुत गहरी श्वांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ना चाहिए, फिर पानी पिएं।

मासिक धर्म की समस्या से निजात
जिन स्त्रियों, महिलाओं, नवयौवनाओं को अक्सर माहवारी से सम्बंधित परेशानी या विकार हों, उन्हें सुबह उठते ही बिना कुल्ला किये खाली पेट 2 से 3 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।

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इम्यूनिटी बूस्ट करने में फायदेमंद
आयुर्वेद के अनुसार अकेला पानी भी प्रतिरक्षा तन्त्र को बहुत मजबूत कर देता है। पानी पीने से शरीर के 100 से अधिक विकार मूत्र विसर्जन के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।

पथरी से बचाव
पर्याप्त पानी पीने वालों को कभी पथरी की शिकायत नहीं होती। मूत्ररोग, मधुमेह विकार, उदर रोग उत्पन्न नहीं होते।

एसिडिटी होती है शान्त
जब कभी पेट में गैस बनती हो या अम्लपित (एसिडिटी) की दिक्कत हो या फिर, बार-बार हिचकी आ रही हो, तो हर 2 या 3 मिनिट में एक गिलास पानी को 15 से 20 मिनिट तक एक-एक घूंट करके पीते रहें। एसिडिटी, हिचकी, पेट की जलन बेचैनी दूर हो जाती है।

सुबह उठकर गर्म पानी पीने से नुकसान

1-आयुर्वेद के मुताबिक, सुबह उठते ही गर्म पानी पीने से पित्त की वृद्धि हो सकती है। पानी को गर्म करने से उसके प्राकृतिक घटक क्षीण हो जाते हैं। जरूरी मिनरल नष्ट हो सकते हैं।

2-गर्म पानी का सेवन ग्रन्थिशोथ पैदा कर सकता है।

3-मधुमेह से पीड़ित लोगों को सुबह सुबह कभी भी गर्म पानी नहीं पीना चाहिए, इससे पेट में खुश्की उत्पन्न होती है।

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