समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। यूरिक एसिड को जड़ से खत्म कर देगी सिर्फ 1 सब्जी, रामबाण हैं ये देसी इलाज
समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। आम ही सुनने वाली हैल्थ प्रॉब्लम्स में यूरिक एसिड की समस्या भी शामिल हैं। अगर एड़ियों और जोड़ों में लगातार दर्द रहता है तो इसका कारण यूरिक एसिड हो सकता हैं। अगर इसे कंट्रोल ना किया जाए तो यह गाउट (गठिया) की समस्या भी बन सकती है।
यूरिक एसिड है क्या?
जब किडनी शरीर में बनने वाले यूरिक एसिड को ठीक से फिल्टर कर यूरिन के रास्ते बाहर नहीं निकाल पाती तो यह एसिड क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में ही जमा होने लगता है। इसी वजह से जोड़ों में दर्द और पैरों में सूजन दिखने लगती है।
यूरिक एसिड क्यों बढ़ता है?
ज्यादातर हैल्थ प्रॉब्लम का कनैक्शन हमारे लाइफस्टाइल से ही है और यूरिक एसिड बढ़ने का कारण भी खराब लाइफस्टाइल ही हैं। जो लोग अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा ले रहे हैं और बाकी तत्व कम तो शरीर में इनका लेवल गड़बड़ा जाता है। जंक फूड खाना, पानी कम पीना और फिजिकल एक्टिविटी ना करना आदि इसकी मुख्य वजह है।
एक शोध के अनुसार, फ्रुक्टोज और चीनी युक्त पेय पदार्थों से भी यूरिक एसिड बढ़ता है। फुक्टोज यानि फलों में पाया जाने वाला नेचुरल शुगर। अधिक फैट वाले डेयरी प्रॉडक्ट्स भी यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं जबकि कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, सोया और विटामिन सी वाले आहार भी यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हैं।
यूरिक एसिड के लक्षण
- पैर के अंगूठे में दर्द होना
- जोड़ों में छोटी-छोटी सख्त गांठों का बनना और उपरी त्वचा का रंग बदलना।
- बार-बार यूरिन आना और रंग मटमौला होना।
- जोड़ों में दर्द और सूजन।
- पैरों और एड़ियों में तेज दर्द
- तलवों का लाल होना
- ज््यादा प्यास लगना और बुखार होना।
यूरिक एसिड को कंट्रोल कैसे करें?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यूरिक एसिड को आप अपनी डाइट सही करके और कुछ घरेलू नुस्खे फॉलो करके कंट्रोल कर सकते हैं। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का सबसे अचूक रामबाण इलाज गिलोय का पानी और अखरोट है।
यूरिक एसिड के लिए वरदान है गिलोय और अखरोट
गिलोय के पत्तों को पानी में उबालें और ठंडा होने पर इस पानी का सेवन करें। गिलोय के अलावा अखरोट भी इसे कंट्रोल में रखेगा। ओमेगा-3 से भरपूर अखरोट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ विटामिन बी6, कॉपर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। अखरोट में हैल्दी प्रोटीन भरपूर होता है जो घुटनों में जमे यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को बाहर निकालने का काम करता है।
दिन के 2 से 3 अखरोट खाने से आपको फायदा होगा। आप सलाद, स्मूदी और शेक में डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। अगर अखरोट की तासीर गर्म लगती हैं तो आप इसे पानी में भिगोकर खा सकते हैं। इससे यूरिक एसिड तो कम होगा ही साथ ही में यह दिल और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे तनान कम होता है और इम्यूनिटी मजबूत होती है।
यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए?
ताजे फलों में चेरी, स्ट्रॉबेरी और खट्टे फल जैसे फल खाएं। इन फलों में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होते हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करेगा।
- सब्जियों में आप आलू, मटर, मशरूम, बैंगन और हरी पत्तिदार सब्जियां भी खा सकते हैं। सूखे मेवे जैसे अखरोट, बादाम,खाएं। साबुत अनाज में ओट्स, ब्राउन राइस, जौ लें। मसूर की दाल, बीन्स, सोयाबीन और टोफू खाएं।
- अंडा, सभी प्रकार के मसाले और जड़ी बूटियां आप खा सकते हैं। तेल में कैनोला, नारियल, जैतून और अलसी के तेल लें।
- डेयरी प्रॉडक्ट्स खाने तो लौ फेट खाएं, चाय, काफी और ग्रीन टी का सेवन करें।
यूरिक एसिड में क्या नहीं खाना चाहिए
- हाई प्रोटीन डाइट ना लें। जैसे मीट में कलेजी, तीतर, हिरण का मांस ना खाएं। राजमाह, चने, अरबी, चावल, मैदा, रेड मीट आदि।
- सी फूड्स ना खाएं क्योंकि इनमें ओमेगा-3 एसिड बहुत ज्यादा होता है।
- जिन फलों में मीठा अधिक होता है उनका जूस ना पीएं। शहद और हाई फ्रुक्टोस कॉर्न सिरप, चीनी युक्त सोड़ा जैसे लिक्विड चीजें ना लें।
- रिफाइंड कार्बाेहाइड्रेट, सफेद ब्रेड, केक और बिस्कुट भी न खाएं। तला-भूना खाने से परहेज करें।
यूरिक एसिड में कौन सी सब्जी खाई जाती है?
कद्दू एक ऐसी सब्जी है जो यूरिक एसिड को पूरी तरह कंट्रोल कर सकती है। इसमें विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम करते हैं जिससे यूरिक एसिड कम हो जाता है।
नींबू पानी पीने से क्या यूरिक एसिड बढ़ता है?
ब्लड में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आप नींबू का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपकी समस्या काफी ज्यादा बढ़ रही है, तो ऐसी स्थिति में अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
क्या चुकंदर से यूरिक एसिड होता है?
बहुत ज्यादा चुकंदर खाने से गाउट हो सकता है और गाउट आपके रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण ही होती है। चुकंदर में पाए जाने वाले ऑक्सालेट आपके यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं, इसलिए चुकंदर का सेवन सीमित मात्रा में ही किया जाए तो बेहतर है।
गुड़ खाने से क्या यूरिक एसिड बढ़ता है?
गठिया और हाई यूरिक एसिड वाले लोगों को गुड़ का सेवन करने से बचना चाहिए। भले ही गुड़ में प्यूरिन नहीं होता है लेकिन इसमें फ्रुक्टोज भरपूर होता है और फ्रुक्टोज हाई यूरिक एसिड के रोगियों के लिए बहुत नुकसानदायक होती है।
क्या चाय पीने से यूरिक एसिड बढ़ता है ?
चाय में कैफीन होता है, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है। ऐसे में यूरिक एसिड की समस्या भी बढ़ सकती है।
मूली खाने से यूरिक एसिड कम होता है या बढ़ता है ?
मूली खाने से आपको प्राकृतिक रूप से बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिल सकती है। यह सर्दियों में गठिया और गाउट के रोगियों के लिए एक रामबाण औषधि साबित हो सकती है।
लहसुन खाने से यूरिक एसिड ठीक होता है क्या?
यूरिक एसिड की समस्या को कम करने में लहसुन खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। लहसुन खाने से यूरिक एसिड कम होता है और गठिए व जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है।
यूरिक एसिड का देसी इलाज
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, कम से कम दिन का 3 लीटर पानी जरूर पीएं। इससे सारी गंदगी यूरिन के रास्ते बाहर निकलेगी।
विटामिन सी भरपूर चीजें खाएं। इन फलों में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होते हैं जो फायदेमंद हो सकते हैं।सलाद में आधा या एक नींबू खाएं या पानी में नींबू निचोड़कर पीएं। एक्सपर्ट की मानें तो अगर आप हर दिन 500 मिलीग्राम विटामिन सी लेंगे तो यूरिक एसिड दो महीने के अंदर ही कम हो जाएगा।
यूरिक एसिड की वजह से गठिए की परेशानी हो गई है तो बथुए के पत्तों का जूस सुबह खाली पेट पीएं और उसके 2 घंटे बाद तक कुछ ना खाएं।
- रोजाना सुबह 2 से 3 अखरोट खाएं। गिलोय का पानी पीएं।
- अजवाइन का सेवन रोजाना करें। इससे भी यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी।
याद रखें ये बात
आप यूरिक एसिड की दवा खा रहे हैं लेकिन खान-पान से जुड़ा परहेज नहीं कर रहे तो यूरिक एसिड रोग ठीक नहीं होगा। इस बीमारी को आप अपने खान-पान के जरिए ही कंट्रोल में रख सकते हैं। याद रखिए यूरिक एसिड की परेशानी आपके डाइट पर ही निर्भर करती हैं।
इसके अलावा योग सैर व हल्की-फुल्की एक्सरसाइज पर जोर दें। 30 से 45 मिनट हलकी फुल्की एक्सरसाइज करें। स्ट्रेस लेने से बचें। योग व मेडिटेशन का सहारा लें।
रोग अपने आप ही कंट्रोल में आ जाएगा अगर फिर भी फर्क ना दिखें तो चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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