समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी की पीसीओएस एक हार्माेनल डिसऑर्डर है। जिससे काफी महिलाएं प्रभावित हैं और उनको इसके कारण रोजमर्रा की जिंदगी में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस होने पर महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, मूड स्विंग्स, वेट बढ़ना और एक्ने जैसी समस्या होती है। हालांकि उम्र और मौसम के हिसाब से भी कई बार इस कंडीशन में बदलाव आता है। गर्मी के मौसम में होने वाले बदलाव की वजह से शरीर को एक हेल्दी बैलेंस मिलता है, जिससे पीसीओएस के लक्षण कम होने लगते हैं। ऐसे में आप कुछ बातों का ध्यान रखकर इस कंडीशन को मैनेज कर सकती हैं।


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गर्मियों में हाइड्रेटेड रहना हार्माेनल हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है। सही हाइड्रेशन मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। साथ ही डाइजेशन में भी सुधार होता है। - गर्मियों में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। वहीं पीसीओएस को मैनेज करने के लिए भी पुदीना, नींबू या फिर चिया सीड्स का डिटॉक्स वॉटर पीना चाहिए। इनमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
- वहीं हल्दी-फुल्की एक्सरसाइज भी बॉडी को डिटॉक्स करने के साथ हार्माेनल हेल्थ को सुधारने और ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में सहायता करती है।
- प्रोसेस्ड फूड्स, शुगर वाले ड्रिंक् और अधिक कैफीन का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे हार्माेन्स में उतार-चढ़ाव होता है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी और हार्माेनल फ्रेंडली डाइट गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है। इसलिए विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूज सीजनल फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रेगुलर एक्सरसाइज भी पीसीओएस को मैनेज करने में अहम भूमिका निभाती है। सुबह या शाम के समय आप एक्सरसाइज कर सकते हैं। आप ब्रिक्स वॉकिंग, स्वीमिंग और योग कोर्टिसोल लेवल कम करने के पीसीओएस के लक्षणों को मैनेज करने में सहायता कर सकते हैं।
- गर्मियों में दिन लंबे होते हैं, जिसका अहम स्लीपिंग पैटर्न पर भी होता है। वहीं अच्छी और गहरी नींद हार्माेनल बैलेंस के लिए जरूरी होती है। इसलिए इस मौसम में बेड टाइम रूटीन पर खास ध्यान देना चाहिए। सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल न करें और सोने से लिए सुकून भरा ठंडा वातावरण बनाएं।
- बता दें कि अच्छी और गहरी नींद कोर्टिसोल, इंसुलिन और मेलाटोनिन हार्माेन को मैनेज कर सकती हैं। यह पीसीओएस के लक्षणों को कम या अधिक करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
- इसके साथ ही गर्मी के मौसम में 10-15 मिनट सूरज की रोशनी में रहना ओवरियन फंक्शन को सुधारता है। यह शरीर में विटामिन डी के लेवल को मैनेज करने के साथ इंफ्लेमेशन को कम करता है और मूड सुधारता है।

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