सप्तपर्णी क्या है इसके उपयोग और इसके फायदों के बारे में जानते हैं

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। सप्तपर्णी, जिसे वैज्ञानिक नाम से ।सेजवदपं ेबीवसंतपे कहा जाता है, एक प्राचीन औषधि है जिसका इस्तेमाल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। यह भारतीय और एशियाई दशांश क्षेत्रों में पाया जाता है और हजारों वर्षों से आयुर्वेद में उपयोग हो रहा है। सप्तपर्णी के पेड़ के पत्ते, छाल, और बीजों का इस्तेमाल विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है। यहां हम सात बीमारियों के इलाज के लिए सप्तपर्णी के उपयोग और इसके फायदों पर विचार करेंगे।

जुकाम और सर्दी
सप्तपर्णी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो जुकाम और सर्दी जैसे संक्रमणों का इलाज करने में मदद करते हैं। इसके पत्तों को गर्म पानी में उबालकर पीने से जुकाम और सर्दी में लाभ होता है।

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डायबिटीज
सप्तपर्णी के पत्तों का रस स्थानीय और विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा डायबिटीज के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसका सेवन इन्सुलिन संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकता है और रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित कर सकता है।

पाचन विकार
सप्तपर्णी के पत्तों का सेवन पाचन क्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विषाणुनाशक गुण और पाचक एंजाइम हमारी पाचन शक्ति को बढ़ा सकते हैं।

नींद न आना
सप्तपर्णी का रस नियमित रूप से सेवन करने से अनिद्रा से राहत मिल सकती है। इसके रिलैक्सेंट गुण और मानसिक तनाव को कम करने वाले प्रभाव हमें नींद के लिए तैयार कर सकते हैं।

पीलिया
सप्तपर्णी के पत्तों का उपयोग पीलिया रोग के इलाज में किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटी वायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण हमें रोगी को राहत प्रदान कर सकते हैं।

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श्वास रोग
सप्तपर्णी श्वासरोग के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है, जैसे कि अस्थमा और ब्रोंकाइटिस। इसके वातहर गुण वायु मार्ग को साफ करने में मदद करते हैं और श्वास को सुधारते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य
सप्तपर्णी के उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है। इसके संजीवनी गुण तनाव को कम करते हैं और मन को शांति प्रदान करते हैं।

हालांकि सप्तपर्णी के फायदे अनगिनत हैं, लेकिन इसका उपयोग करते समय सावधानियों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। इसे सबसे अधिक सावधानी से प्रयोग करें, खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए। डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है पहले किसी भी उपचार या औषधीय उपाय को आजमाने से पहले।

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