शिरोमणि संत गुरु रविदास ने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को आत्मज्ञान प्रदान किया

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-भाजपा महानगर कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन
-धर्मपाल घाघट ने संत गुरु रविदास के विचारों से अवगत कराया

समाचार सच, देहरादून। आज महानगर कार्यालय भाजपा देहरादून में प्रातः 11:00 बजे भाजपा महानगर अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा शिरोमणि संत गुरु रविदास की जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में भाजपा के वरिष्ठ नेता खजान दास ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने संत रविदास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उन्होंने संत गुरु रविदास के विचारों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा की सतगुरु रविदास जी भारत के उन विशेष महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को आत्मज्ञान, एकता, भाईचारा पर जोर दिया। जगतगुरु रविदास जी की अनूप महिमा को देख कई राजा और रानियाँ इनकी शरण में आकर भक्ति मार्ग से जुड़े। जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात-पात के अन्त के लिए काम किया। रविदास जी के सेवक इनको “सतगुरु”, “जगतगुरु” आदि नामों से सत्कार करते हैं। रविदास जी की दया दृष्टि से करोड़ों लोगों का उद्धार किया जैसे: मीरा बाई आदि। गुरू रविदास (रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को हुआ था। उनके जन्म के बारे में एक दोहा प्रचलित है। चौदह से तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास। दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री रविदास। रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। संत रामानन्द के शिष्य बनकर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। संत रविदास जी ने स्वामी रामानंद जी को कबीर साहेब जी के कहने पर गुरु बनाया था, जबकि उनके वास्तविक आध्यात्मिक गुरु कबीर साहेब जी ही थे। उनकी समयानुपालन की प्रवृति तथा मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे। प्रारम्भ से ही रविदास जी बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था।

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इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा के महानगर अध्यक्ष धर्मपाल घाघट ने कहा की आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।

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इस अवसर पर मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष भाजपा सीताराम भट्ट, रतन सिंह चौहान, महानगर अध्यक्ष धर्मपाल घाघट भाजपा अनुसूचित मोर्चा, महामंत्री अनुसूचित मोर्चा जगराम, प्रदेश कोषाध्यक्ष राजेश राजोरिया, पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखंड सरकार भगवत प्रसाद मकवाना, रविंद्र वाल्मीकि, जसवीर भाई जस्सू, मोतीराम, मदन वाल्मीकि, संदीप चौहान, रईस अंसारी, सोनी रावत, राजीव राजौरी, तृप्ता जाटव, सुमन आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

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