समाचार सच, हल्द्वानी। विधानसभा चुनाव के जैसे-जैसे दिन नजदीक आने लगे हैं। वैसे-वैसे हर राजनैतिक दल दिग्गज नेताओं को अपनी ओर खीचने में लगे हुए। सोमवार को उत्तराखण्ड में भाजपा को एक बड़ा झटका लग गया है। यहां कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य तथा उनके बेटे नैनीताल विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव आर्य की पुनः कांग्रेस में वापसी हो गयी है। सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली में यशपाल आर्य व उनके बेटे संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हो गए। राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस करके विधिवत कांग्रेस की सदस्यता ली। कांग्रेस चुनाव अभियान अध्यक्ष हरीश रावत भी मौके पर मौजूद रहे। इधर बीते दिनों हरदा के दलित सीएम उम्मीदवार की घोषणा से राजनीतिक गलियारे में इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई थी।
आपकों बता दें कि 2017 में विधानसभा चुनाव में यशपाल आर्य व उनके बेटे संजीव आर्य कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, तब भाजपा ने दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। वर्तमान में यशपाल आर्य समाज कल्याण मंत्री व बाजपुर से विधायक है तथा उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से विधायक है। अब 2022 के विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए राज्य में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। हालांकि पिता-पुत्र के कांग्रेस में शामिल होने के कार्यक्रम पूरी तरह गोपनीय रखा गया था।
आपकों बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही अब यहां कुछ समय में दल-बदल का खेल सामने आ रहे है। गढ़वाल मंडल से कांग्रेस विधायक राजकुमार व प्रीतम सिंह पवार के बाद कुमाऊं मंडल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भाजपा में शामिल हो गये है। वर्तमान में भाजपा तमाम विधायकों को अपने पाले में कर राज्य में सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने में जुटी है। वहीं कांग्रेस ने भी अंदरूनी स्तर पर भाजपा के बड़े नेताओं को अपने पाले में करने का कार्य शुरू कर दिया है।
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