श्रावण मास 2024: शिव जी के प्रिय माह सावन में होंगे 5 सोमवार, 29 दिन का रहेगा ये महीना, 19 अगस्त

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवशयनी या हरिशयनी) है। इस तिथि से चार माह के लिए विष्णु जी विश्राम करते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है। इस एकादशी के बाद 22 जुलाई से शिव जी का प्रिय महीना सावन शुरू हो रहा है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, जब विष्णु जी विश्राम करते हैं, तब शिव जी इस सृष्टि का संचालन करते हैं। देवशयनी एकादशी के बाद सावन महीना शुरू होता है। इस पूरे महीने में शिव जी के लिए विशेष पूजा-पाठ की जाती है। इन दिनों में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में दर्शन करने की परंपरा है।

सोमवार से शुरू और सोमवार को ही खत्म होगा सावन

इस साल सावन माह सोमवार (22 जुलाई) से शुरू हो रहा है और सोमवार (19 अगस्त) को ही खत्म होगा। तिथियां घटने से सावन महीना 29 दिन का रहेगा। 19 अगस्त को सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस महीने का पहला सोमवार 22 जुलाई को, दूसरा 29 को, तीसरा 5 अगस्त को, चौथा 12 को और पांचवां 19 अगस्त को रहेगा।

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शिव जी को प्रिय है सावन
पौराणिक मान्यता है कि सावन माह में देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तप किया था। इस तप से प्रसन्न होकर शिव जी ने देवी की मनोकामना पूरी करने का वर दिया था। इस माह में किए गए देवी के तप की वजह से ही शिव जी को अपनी शक्ति वापस मिली थीं, माना जाता है कि इसी वजह से शिव जी को सावन माह विशेष प्रिय है।

सावन माह में कर सकते हैं ये शुभ काम

  • इस महीने में रोज सुबह शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। शिवलिंग पर पतली धारा के साथ जल चढ़ाएं और ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
  • शिवलिंग पर चंदन का लेप करें। बिल्व पत्र, हार-फूल, वस्त्र आदि से भगवान का श्रृंगार करें। जनेऊ, अबीर, गुलाल, भस्म आदि चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। मिठाई का भोग लगाएं। शिव जी के मंत्रों का जप करें।
  • इस महीने में शिव जी की कृपा पाने के लिए शिव जी के आराध्य देव श्रीराम के नाम का जप करना चाहिए। राम नाम का जप शिव जी की पूजा में भी कर सकते हैं। माना जाता है कि राम नाम का जप करने वाले भक्तों पर शिव जी विशेष कृपा करते हैं।
  • सोमवार को चंद्र देव की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। शिव जी मस्तक पर विराजित चंद्र का जल, दूध से अभिषेक करें। ऊँ सों सोमाय नमरू मंत्र का जप करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को दूध का दान करें। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन और घास का दान करें।

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