दांतों का काला कीड़ा निकाल देंगे ये नैचुरल तरीके, दर्द-सड़न से भी मिलेगी राहत

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। दांतों में कीड़ा लगने के पहले चरण के दौरान दांतों से मिनरल्स कम होने लगते हैं, जो सफेद धब्बे के रूप में दिखाई देता है। यह तब होता है दांतों के इनेमल को नुकसान होता है। एक बार जब यह समस्या बढ़ जाती है, मरीज को डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है।

दांतों में कीड़ा लगना एक आम समस्या है जिसे मेडिकल भाषा में कैविटी कहा जाता है। दरअसल यह दांतों में सड़न के कारण होने वाले छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। इसके लिए मेडिकल में कई इलाज हैं लेकिन कुछ घरेलू उपचारों के जरिए इस स्थिति को गंभीर होने से पहले ही रोका जा सकता है।

खाने-पीने की चीजों से दांतों पर प्लेक जमा हो जाता है, इससे बैक्टीरिया बनता है, जो दांतों की सतह पर और मसूड़ों के साथ चिपक जाता है। बैक्टीरिया एसिड पैदा करते हैं, जो कैविटी का कारण बन सकते हैं। आमतौर पर स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया को इसका मुख्य कारण माना जाता है।

दांतों में कीड़ा लगने के पहले चरण के दौरान दांतों से मिनरल्स कम होने लगते हैं, जो सफेद धब्बे के रूप में दिखाई देता है। यह तब होता है दांतों के इनेमल को नुकसान होता है। एक बार जब यह समस्या बढ़ जाती है, मरीज को डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दांतों में कीड़ा लगना दुनिया में सबसे आम गैर-संचारी रोग है। अमेरिका में चार में एक व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित रहता है। वैसे तो कैविटी का डेंटल से इलाज कराना चाहिए लेकिन कुछ घरेलू उपचार दांतों के कीड़ा हटाने और सड़न को रोककर उन्हें मजबूत कर सकते हैं।

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नियमित रूप से ब्रश करने, फ्लॉसिंग और समय-समय पर डेंटिस्ट से दांतों की सफाई कराने जैसे कामों को करके इस समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। साल 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, जिन चीजों में सोडियम फ्लोराइड पाया जाता है, वो इस स्थिति से निपटने में कारगर साबित हो सकते हैं।

ऑयल पुलिंग
ऑयल पुलिंग एक आयुर्वेद तरीका है जिसके जरिए दांतों को साफ और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। इसमें लगभग 20 मिनट के लिए मुंह के चारों ओर तिल या नारियल के तेल का एक बड़ा चमचा घुमाकर, फिर इसे थूकना शामिल है। एक शोध से संकेत मिलता है कि यह दांतों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। इससे मुंह में बैक्टीरिया, प्लेक और मसूड़ों में सूजन कम होती है।

एलोवेरा
एक अध्ययन के अनुसार, एलोवेरा टूथ जेल कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है। इस जेल का एंटीबैक्टीरियल प्रभाव मुंह में बैक्टीरिया के निर्माण को रोकता है। एलोवेरा का टी ट्री ऑयल के साथ एक प्रभावी कैविटी कीटाणुनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है।

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लीकोरिस रूट खाएं
लीकोरिस रूट में एंटीबैक्टीरियल होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया पैदा होने से रोकते हैं। 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि इसके रस में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो फ्लोराइड माउथवॉश की तुलना में अधिक शक्तिशाली हैं।

मीठी चीजों के सेवन से बचें
अधिक मीठी चीजों को खाने-पीने सेदांतों में कीड़ा लगना कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। चीनी मुंह में बैक्टीरिया के साथ मिल जाती है और एक एसिड बनाती है, जो दांतों के इनेमल को खराब कर देती है। डब्ल्यूएचओ लोगों को चीनी का सेवन सीमित करने की सलाह देता है। एक अध्ययन में पाया गया कि सोने से पहले मीठी चीजों के सेवन से कैविटी का खतरा बढ़ जाता है।

अंडे के छिलके
अंडे के छिलके में कैल्शियम होता है जिसका उपयोग एक व्यक्ति दांतों के इनेमल को फिर से बनाने में मदद के लिए कर सकता है। यह दांतों से प्लेक हटाने में भी सहायक है। एक अध्ययन के अनुसार, अंडे के छिलके दांतों को अम्लीय पदार्थों से बचाते हैं।

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