महिला मित्र संग घूमने वालों का वीडियो बनाकर करते थे ब्लैकमेल, पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़

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समाचार सच, रूद्रपुर। रुद्रपुर पुलिस ने महिला मित्र के साथ घूमने वाले युवकों का वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है। और दो युवकों को गिरफ्तार किया। लेकिन अभी गिरोह के सरगना सहित दो आरोपी फरार हैं। एसएसपी ने आरोपियों को पकड़ने वाली टीम को पांच हजार का इनाम देने की घोषणा की है।

मंगलवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने पुलिस कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि रुद्रपुर निवासी युवक ने ट्रांजिट कैंप थाने में तहरीर देकर कहा था कि 28 नवंबर की शाम को आवास विकास में बाइक सवार दो लोगों ने उसे रोका और बाइक की किस्त जमा नहीं करने का आरोप लगाकर मारने की धमकी दी। आरोपी जबरन उसे एसबीआई के एटीएम में ले गए और एटीएम से 20 हजार रुपये निकलवा दिए।

आरोपियों ने उसे एक वीडियो भी दिखाया और दो दिसंबर तक 30 हजार रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने मामले में अंकित यादव निवासी गौरीकला किच्छा और रिम्पू सिंह उर्फ रिम्पी निवासी बिंदुखेड़ा (रुद्रपुर) को मोदी मैदान के पास से गिरफ्तार किया। दोनों के कब्जे से पीड़ित युवक का एटीएम कार्ड और लूटे गए आठ हजार रुपये बरामद किए गए।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गैंग सरगना सुखविंदर सिंह उर्फ सुखी निवासी लालपुर नारायणपुर (किच्छा) है। उन्होंने सुखी और अन्य साथी खजान सिंह निवासी बागवाला रुद्रपुर के साथ घटना को अंजाम दिया था। उन्होंने 28 नवंबर की शाम गंगापुर रोड से किच्छा की ओर बाइक पर एक व्यक्ति को महिला के साथ ट्रांजिट कैंप की तरफ जाते देखा था। उन्होंने इस दौरान उनकी वीडियो बना ली थी। पीड़ित जब महिला को छोड़कर लौटा तो उन्होंने जगतपुरा में उसे रोककर वीडियो दिखाई थी और वायरल करने की धमकी देकर 50 हजार रुपये मांगे थे।

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इसके बाद पीड़ित को एटीएम ले जाकर 20 हजार रुपये निकलवाए और एटीएम, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस छीन लिया। उन्होंने 5-5 हजार रुपये आपस में बांटने के साथ ही पीड़ित को दो दिसंबर को 30 हजार रुपये और देने के लिए धमकाया था। एसएसपी ने बताया कि गैंग के सरगना सुखी के खिलाफ पांच केस दर्ज हैं। आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की जाएगी।

एसपी मनोज कत्याल ने बताया कि गिरोह में शामिल चारों लोग बेहद शातिर ढंग से अपराध को अंजाम देते थे। ये लोग संपर्क मार्गों में महिला मित्र के साथ घूमने वाले शादीशुदा लोगों की वीडियो बनाते थे। फिर उनको तस्दीक करने के बाद वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठते थे। बदनामी के डर से ऐसे लोग पुलिस से शिकायत भी नहीं करते थे जिसका फायदा ये लोग उठाते थे। आरोपियों से पूछताछ और मोबाइल खंगालकर जानकारी जुटाई जा रही है कि इन लोगों ने कितने लोगों को अब तक शिकार बनाया है।

आपको बता दें लोगों का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोपी अंकित यादव ने जेल में बंद गैंग लीडर की जमानत कराने के लिए चार हजार रुपये लिए थे। बाद में बात नहीं बनने पर वह चार हजार रुपये नहीं लौटा पाया तथा ज्यादा रुपये कमाने के लालच में उसने ऐसे अपराध करना शुरू कर दिया।

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जबकि पुलिस के अनुसार किच्छा के गौरीकला निवासी अंकित यादव फाइनेंस कंपनी में मोबाइल फाइनेंस का काम करता था। बाद में वह कंपनी में डिलीवरी ब्वाय बन गया था। मोबाइल फाइनेंस कराने के दौरान ही उसकी मुलाकात ब्लैकमेलर गैंग के सरगना सुखी और खजान से हुई थी। मारपीट, लूट, आर्म्स एक्ट सहित अन्य केसों में सुखी जेल चला गया था। दो महीने पहले सुखी के करीबी उसके लिए जमानती खोज रहे थे जिस पर अंकित ने सुखी की जमानत लेने के लिए चार हजार रुपये लिए थे लेकिन सुखी की जमानत के लिए 50 हजार की हैसियत चाहिए थी।

एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि अंकित इतनी रकम की हैसियत नहीं बनवा पाया और वह सुखी की जमानत नहीं ले सका था। इसके बाद सुखी ने किसी दूसरे जमानती को राजी करवाकर जमानत कराई। जेल से छूटने के बाद सुखी और उसके साथियों ने अंकित से चार हजार रुपये वापस मांगे थे लेकिन अंकित रुपये नहीं लौटा सका था। इसके बाद और ज्यादा रुपये कमाने के लालच में वह सुखी का सहयोगी बन गया। अंकित की उम्र 22 साल है जबकि पकड़े गए दूसरे आरोपी रिम्पू सिंह की उम्र 24 साल है जो कि खेती करता है।

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