चूने को यूँ ही अमृत नहीं कहाँ जाता! इस एक चूने से 70 बीमारियों का इलाज आज भी संभव है।

खबर शेयर करें

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। आइये जानते हैं चूना खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ। जागरूक पर हम आपको ऐसे नुस्खे की जानकारी देने का प्रयास कर रहे है जिनका उपयोग आज से नहीं बल्कि सदियों से चला आ रहा है। कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे जिनका प्रयोग हमारे पूर्वज अपनी समस्या हेतु करते थे। लेकिन अब समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है।

आज हम घरेलू नुस्खों पर नहीं बल्कि दवा पर अधिक विश्वास करते है लेकिन फिर भी पुराने लोगों की तुलना में अस्वस्थ ज्यादा है। एक बात का ध्यान रखिए हम आपको नुस्खे की जानकारी दे रहे है किसी दवा की नहीं। एक ही नुस्ख़ा दो व्यक्तियों में अलग-अलग प्रभाव दे सकता है।

सफेद रंग का वो चूना जिसका उपयोग पान में किया जाता है। यह शारीरिक और मानसिक विकारों को दूर करने में सक्षम है। साथ ही चूना खाने के फायदे और कई स्वास्थ्य लाभ भी है।

चूने को यूँ ही अमृत नहीं कहाँ जाता! इस एक चूने से 70 बीमारियों का इलाज आज भी संभव है। यह कैल्शियम का सबसे बड़ा स्त्रोत है। अगर इसका उपयोग सही मात्रा व सही तरीके से किया जाए तो यह कठिन से कठिन बीमारियों को दूर करने में आज भी सक्षम है।

भोपाल जैसे कई शहरों में जहाँ पानी में कैल्शियम की कमी है वहाँ चूने के द्वारा इसकी पूर्ति की जाती है। यह अपने कठोर गुण के कारण सदियों से विभिन्न कार्याे में प्रयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद में भी इसके गुणों की अनेकानेक चर्चा मिलती है।

जानते है चूना खाने के फायदे –

पीलिया – गेहूँ के दाने के समान चूने की मात्रा को एक गिलास गन्ने के रस में मिलाकर नियमित रूप से पिलाने पर पीलिया ठीक हो जाता है। इसी उपाय से नपुंसकता और गर्भधारण ना कर पाने की समस्या भी दूर होती है। लेकिन इस उपाय को आपको साल से डेढ़ साल तक नियमित करना पड़ेगा।

लंबाई व स्मरण शक्ति – दही, दूध, दाल या पानी में गेहूँ के एक दाने के बराबर चूना खाने से लंबाई तो बढ़ती ही है साथ की पढ़ाई में कड़ी मेहनत करने की शक्ति भी मिलती है। इसके प्रयोग से रक्त की कमी दूर होती है और बुद्धि का विकास होता है जिससे स्मरण शक्ति तुलनात्मक रूप से बहुत अच्छी हो जाती है।

यह भी पढ़ें -   गर्मियों में ज्यादा गर्मी बढ़ जाने के कारण अक्सर दूध फटने की शिकायत होती है इसे बचाने के लिये अपनाइये ये तरीके

एनिमिया – सुबह खाली पेट अनार के जूस के साथ चुटकीभर चूने को मिलाकर पीने से रोगी जल्द ही रोगमुक्त हो जाता है। अनार का जूस उपलब्ध ना होने की स्थिति में किसी भी जूस या पानी में भी इसे लिया जा सकता है। इस मिश्रण से बुद्धिबल बढ़ता है और शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है।

हड्डियों को दे मजबूती – हमारी हड्डियाँ और दाँत कैल्शियम से निर्मित है अगर कैल्शियम की कमी तो इनमें भी कमजोरी। इस कमी की पूर्ति चूने से सरलता से की जा सकती है। यहाँ तक की टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की सबसे अधिक क्षमता चूने में है। आपको याद हो तो आज से 20-25 सालों पहले चूने से ही प्लास्टर किया जाता था। सुबह खाली पेट चूने के सेवन से हड्डियाँ मजबूत होती है, कमर दर्द, पीठ दर्द, कंधे का दर्द, घुटने का दर्द, रीढ़ की हड्डी की सभी समस्या यहाँ तक की सबसे खतरनाक बीमारी स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या भी चूने से दूर हो जाती है।

पीरियड्स की समस्या – इस दौरान महिलाओं को काफी शारीरिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। चूने के सेवन से मेनोपॉस, गर्भावस्था आदि के समय होने वाली शारीरिक समस्या का भी इलाज है। 40 के बाद महिलाओं को कैल्शियम कार्बाेनेट की कमी होने लगती है जो चूने से पूरी की जा सकती है। गेहूँ के दाने के बराबर चूने को भोजन, दाल, लस्सी या पानी में घोलकर लेने से ओस्टीओपोरोसिस होने की संभावना भी खत्म हो जाती है। गर्भवती माँ को कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को नौ माह तक एक कप अनार के जूस के साथ गेहूँ दाने के बराबर चूना मिलाकर खिलाने से कुछ इस तरह के फायदे होते है।

  • बच्चे के जन्म के समय माँ को प्रसव पीड़ा कम होगी और नॉर्मल डीलिवरी रहेगी।
  • नवजात शिशु हृष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त होगा।
  • बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी यानी बच्चा अपने जीवन में जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ेगा।
  • ऐसा बच्चा बचपन से बड़े होने तक अपनी होशियारी और बुद्धिमानी का परिचय देगा।
  • शरीर में कोई कमजोरी या कमी नहीं रहेगी।

कील मुंहासों की समस्या – गेहूँ के दाने के बराबर चूने में जरा सा शहद मिलाकर कील-मुँहासों पर लगाए, जल्द आराम मिलेगा। पोटाश, कॉपर, सल्फेट और सुहागा (सभी पाउडर) में चूना पाउडर मिलाकर लगातार मस्से वाली जगह पर लगाने से जल्द ही मस्सा गायब हो जाता है।

यह भी पढ़ें -   उत्तराखंड में 11 बजे तक कुल 24.83 फीसदी मतदान हुआ है, हरिद्वार और नैनीताल-उधमसिंह नगर हैं अव्वल

दिमागी कमजोरी – जिन बच्चों में उम्र के हिसाब से बुद्धि का विकास नहीं होता या माइंड बराबर काम नहीं करता या सोचने-समझने की शक्ति धीरे काम करती है या उनका हर काम बहुत स्लो है या ऐसे मंदबुद्धि बच्चे जिनमें स्वयं का विकास ना के बराबर है तो चिंता ना करे। चूना ऐसे बच्चों के लिए रामबाण ही नहीं बल्कि अमृत का काम करेगा। ऐसे बच्चे को किसी भी रूप में गेहूँ दाने के बराबर चूना खिलाए, बहुत जल्द अच्छे हो जाएँगे।

छाले – मुँह में छाले की समस्या में चूने का पानी पीने से समस्या तुरंत दूर होती है। अगर मुँह में ठंडा-गर्म या झंझनाहट की समस्या है तो चूने का सेवन करे और राहत पाए।

कितनी मात्रा में और कैसे करे चूने का सेवन –

  • गेहूँ के एक दाने के बराबर ही प्रतिदिन चूने का सेवन करे इससे ज्यादा नहीं। खाली पेट इसका सेवन अति उत्तम है। गन्ने के रस में, संतरे के रस में नहीं तो सबसे उत्तम अनार के रस में इसका सेवन किया जा सकता है।
  • किसी भी रस की उपलब्धि ना हो तो दही, लस्सी, दाल, भोजन, दूध, फल या सबसे सरल पानी के साथ इसका सेवन कर सकते है।
  • अगर आपमें खून की बहुत कमी है तो एक कप अनार के जूस में चूना मिलाकर खाली पेट कुछ दिन सेवन करे इससे शरीर में बहुत जल्द खून बनता है।
  • जो भारतीय सिर्फ चूना लगा पान खाते है वे सच में बहुत चतुर है ऐसे लोग महर्षि वाग्भट के अनुयायी है। पान बिना तंबाकू, सुपारी और कत्थे के खाना चाहिए। तंबाकू जहर है तो चूना अमृत और कत्था कैंसर देता है जबकि चूना रोगमुक्ति।
  • अगर पान खाना आपका शौक है तो पान में केसर, लौंग, सौंठ, इलायची, चुटकीभर चुना, गुलकंद, पीपरमेंट, कसा नारियल, सौंफ आदि डालकर खाए।

सावधानी – अगर आप पथरी की समस्या से पीड़ित है तो चूना किसी भी रूप में ना ले। ऐसे रोगियों के लिए यह नुकसानदायक है। यह थे चूना खाने के फायदे जिसका लाभ आप भी उठाइए और औरों को भी बताइए। ईश्वर ने हमें सभी समस्या से उभरने के लिए कुछ ना कुछ प्राकृतिक उपचार दिया है जिसका लाभ उठाए। किसी भी उपचार से पहले अपने डॉक्टर से राय जरूर ले।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440