चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? इसके पीछे की वजह क्या है समझते है

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। यात्रा करते समय, विशेषकर गाड़ी, ट्रेन, या बस में, बहुत से लोगों को नींद आने लगती है। यह अनुभव आम है और अक्सर सवाल उठता है कि ऐसा क्यों होता है। आइयेइस आलेख में हम इसके पीछे की वजह समझने कई कोशिश करते हैं।

चलती गाड़ी में नींद आने के मुख्य कारण
रिदमिक वाइब्रेशन

गाड़ी के चलते हुए कंपन और झटकों का एक रिदमिक पैटर्न बनता है। यह कंपन मस्तिष्क को शांत कर देता है, जिससे शरीर को आराम मिलता है और नींद आने लगती है।

सफर का थकावट भरा प्रभाव
लंबी यात्रा से शरीर थक जाता है। सफर के दौरान आरामदायक सीट और लगातार एक ही स्थिति में बैठने से नींद आना स्वाभाविक है।

गाड़ी का मोशन
गाड़ी चलते समय कम फ्रीक्वेंसी में लगातार धीरे-धीरे हिलती रहती है। इसके कारण हमारा शरीर भी धीरे-धीरे हिलता रहता है और हमें नींद आ जाती है।

एलर्टनेस की कमी
गाड़ी में हमारी आंखों और कानों को ज्यादा कुछ खास अनुभव करने को नहीं मिलता। इसकी वजह से दिमाग की एलर्टनेस कम हो जाती है और हमें नींद आने लगती है। कोई खास आकर्षण न मिलने की वजह से दिमाग सुस्त पड़ने लगता है और हमें नींद आती है।

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थकान और नींद की कमी
जो लोग पहले से ही थके हुए हैं या नींद पूरी नहीं हुई हैं उन्हें यात्रा के दौरान ज्यादा आसानी से नींद आ सकती है। गाड़ी के भीतर वैसे भी सोने के लिए अनुकूल वातावरण होता है, जिससे शरीर आराम पाने के किसी भी अवसर का फायदा उठाती है, खासकर शांत वातावरण में।

नेचुरल लाइट की कमी
कार या ट्रेन के बंद वातावरण में नेचुरल लाइट काफी कम आती है और गाड़ी के अंदर की लाइट से ही काम चलता है। ऐसे में कई बार हमारा सार्केडियन रिदम बिगड़ जाता है और हमारे दिमाग को लगता है कि सोने का समय हो गया है। इसलिए हमें नींद आने लगती है।

शारीरिक बदलाव
यात्रा के दौरान शरीर में होने वाले कुछ शारीरिक बदलाव, जैसे- ब्लड प्रेशर कम होना, शरीर का तापमान कम होना आदि, भी नींद आने की वजह बन सकता है।

मोनोटोनी
सफर के दौरान पढ़ने, काम करने या बातचीत करने जैसी इंगेजिंग एक्टिविटी की कमी के कारण दिमाग सोने की स्थिति में जा सकता है। ऐसा अक्सर लंबी यात्रा में होती है।

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रोशनी और आवाज़ का असर
गाड़ियों में हल्की-फुल्की रोशनी और बाहर की आवाज़ें सफर को शांतिपूर्ण बनाती हैं। इससे दिमाग़ को आराम मिलता है और यह नींद को प्रेरित करता है।

शरीर की सर्केडियन रिदम का प्रभाव
शरीर की आंतरिक घड़ी, जिसे सर्केडियन रिदम कहा जाता है, यात्रा के समय गाड़ी के झटकों से प्रभावित हो सकती है। इससे शरीर को यह संकेत मिलता है कि यह आराम करने का समय है।

यात्रा के दौरान नींद के लिए जरूरी सुझा

  • गर्दन और पीठ को सहारा देने के लिए यात्रा तकिया इस्तेमाल करें।
  • हल्के कपड़े पहनें और अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें।
  • अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो नींद आने से बचने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लें।

चलती गाड़ी में नींद आना एक सामान्य अनुभव है, जो हमारे शरीर और मस्तिष्क की प्रतिक्रिया का हिस्सा है। यात्रा के दौरान आरामदायक स्थिति और शरीर की थकावट इस प्रक्रिया को और आसान बना देती है। हालांकि, उचित स्थिति में बैठना और सुरक्षित सफर करना हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।

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