समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। वैदिक संस्कृति में पाठ-पूजा कर्मकांड का विषय है। ऐसा माना जाता है कि इसके माध्यम से ईश्वर की भक्ति की जाती है और इन्हीं देवी-देवताओं की आराधना के लिए शास्त्रों में पूजा-पाठ के नियम बताए गए हैं, जिनके माध्यम से ईश्वरीय अनुकंपा को आप प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं कि सनातन परंपरा को मानने वाले लोगों के घरों में एक मंदिर होता है जिसे पूजा घर भी कहा जाता है। यहां विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें होती हैं, जिनसे सुख-शांति की प्रार्थना की जाती है लेकिन कई बार जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिससे घर का पूजा स्थान ही व्यक्ति की उन्नति में बाधक बन जाता है।
पहली गलती:
हममे से कई लोग अपने शयन कक्ष में ही पूजा स्थान को बना लेते हैं, जो वास्तु शास्त्र के अनुसार बिल्कुल भी सही नहीं है। शयन कक्ष में पूजा घर नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे पारिवारिक जीवन के संबंधों में काफी परेशानी आती है।
दूसरी गलती:
देखा जाए तो आजकल घर में मंदिर बनाने का प्रचलन भी काफी बढ़ गया है। जबकि वास्तु विज्ञान के अनुसार घर में पूजा का स्थान अलग से होना चाहिए३ लेकिन यह मंदिर नहीं होना चाहिए। मंदिर खुले स्थानों में होना ही वास्तु के अनुसार उचित माना गया है।
तीसरी गलती:
परिवार के लोग अक्सर छुट्टियां मनाने या फिर किसी अन्य काम से अपने-अपने घर में ताला लगाकर चले जाते हैं और तो और घर के अंदर मौजूद पूजा घर में भगवान को भी कई लोग बंद कर देते हैं। बता दें कि वास्तु विज्ञान के अनुसार मकान में अगर आपने पूजा घर बनाया हुआ है और उनमें देवी-देवताओं को बैठाया है तो आपको यही प्रयास करना चाहिए कि इनकी पूजा नियमित रूप से ज़रूर हो। घर में भले ही आप ताला लगाएं लेकिन पूजा घर में ताला भूलकर भी लगाकर कहीं ना जाएं।
चौथी गलती:
ध्यान रखें कि आप पूजा घर में निर्माल यानी पुराने हो चुके फूल, माला, अगरबत्तियां जमा करके गलती से भी ना रखें, क्योंकि इनसे नकारात्मक उर्जा का संचार होता है, जो आपकी खुशियां और आय को कम करने का काम करता हैं।
पांचवीं गलती:
यह बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजा घर शौचालय और स्नान गृह की दीवारों से लगा हुआ नहीं होना चाहिए।
छठी गलती:
बहुत से लोग अपने रसोई घर के साथ ही पूजा घर को बना लेते हैं, जो कि गलत है क्योंकि इसका कारण यह है कि रसोई घर में जूठन और डस्टबीन जैसी चीजें पूजा घर की पवित्रता को नष्ट कर देते हैं।
सातवीं गलती:
बताते चलें कि अपने घर में सीढ़ी के नीचे भी पूजा घर नहीं बनानी चाहिए। वेद संसार आशा करता है कि वास्तु शास्त्र से जुड़ी यह बातें आप अवश्य अपनाएंगे और अपने जीवन को सफल बनाएंगे। घर में खुशियों का आगमन होगा तो आपकी खुशियां दोगुनी अपने आप हो जाएगी।
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