आयुर्वेद के अनुसार कौन से तिल हैं ज्यादा पोषण युक्त होता है काला या सफेद

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। तिल के लड्डू हो या तिल की चिक्की, सर्दियों के मौसम में हम में से ज्यादातर लोगों के घरों में तिल के व्यंजनों को बड़े चाव से खाया जाता है। खासतौर से मकर संक्रांति के अवसर पर काले तिल के लड्डू तैयार किए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। पर कभी आपने सोचा हैं कि तिल दो तरह के क्यों होते हैं काले और सफेद तिल में से आपके लिए ज्यादा सेहतमंद कौन से तिल होते हैं। अगर आप भी इसको लेकर कंफ्यूज हैं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए कौन से तिल का सेवन करना चाहिए तो आज हम आपकी इस कंफ्यूजन को दूर करेंगे और इसकी पूरी जानकारी देंगे

पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं तिल
तिल पोषक तत्वों का भंडार हैं। इसमें मौजूद कॉपर आपके आर्थराइटिस की समस्या को दूर करता है, वहीं मैग्नीशियम आपके हृदय और रेस्पिरेटरी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। जबकि कैल्शियम माइग्रेन, पीएमएस, ऑस्टियोपोरोसिस तथा कोलोन कैंसर जैसी समस्याओं से आपको निजात दिलाने में मदद करता है।

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आयुर्वेद के अनुसार सफेद या काले तिल में कौन से तिल हैं ज्यादा फायदेमंद
दोनों ही तरह के तिल में लगभग समान पोषक तत्व होते हैं। दोनों ही आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार काले तिल का सेवन करना आपके लिए अधिक फायदेमंद माना जाता है। सफेद तिल की अपेक्षा काला तिल आयरन का बेहतर स्रोत है। इसमें फाइबर भी ज्यादा होता है इसलिए इसका सेवन और भी लाभकारी होता है।

अब जानते हैं तिल के स्वास्थ्य लाभ
हड्डियों के लिए फायदेमंद है तिल

तिल में कैल्शियम, डाइटरी प्रोटीन और एमिनो एसिड होते हैं। जो हड्डियों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। यह न सिर्फ आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं, साथ ही यह आपकी मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

एंटिऑक्सिडेंट्स से समृद्ध होते हैं तिल
एंटीऑक्सीडेंट वह पदार्थ हैं जो आपके शरीर में विभिन्न प्रकार के सेल की क्षति को रोकने या धीमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में मदद करता है। लंबे समय तक ऑक्सीडेटिव तनाव मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर सहित कई पुरानी स्थितियों के विकास में योगदान कर सकता है।

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तनाव को कम करते हैं तिल
तिल का प्रयोग मानसिक दुर्बलता को कम करता है। जिससे आप तनाव, डिप्रेशन से मुक्त रहती हैं। प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिल का सेवन कर आप मानसिक समस्याओं से निजात पा सकती हैं।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रहता है
काले तिल के बीज मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं जो उच्च रक्तचाप को रोकने में मदद करते हैं। पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और तिल के तेल में मौजूद यौगिक सेसमिन को रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए जाना जाता है।

पाचन रहता है दुरुस्त
तिल के बीज में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। साथ ही अनसैचुरेटिड फैटी एसिड भी होते हैं, जो कि आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। तिल के बीज में पाया जाने वाला तेल आपकी आंतों को चिकनाई प्रदान करता है, जबकि फाइबर मल त्याग को स्मूद बनाने में मदद करता है। ये बीज आपके आंत्रिक ट्रैक्ट में कीड़ों को साफ करने और पाचन प्रक्रिया में सुधार करने में भी मदद करते हैं।

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